गुरुग्राम। नोटबंदी को एक महीने से ज्यादा का समय हो चुका है। इसके बाद भी लोग कैश के लिए एटीएम और बैंक के बाहर लाइन में खड़े होने को मजबूर हैं। इन सबके बीच मानवता को शर्मशार कर देने वाली एक घटना सामने आई जिसमें एक 80 साल के बुजुर्ग फौजी को लाइन में दोबारा अपनी जगह पाने के लिए गिड़गिड़ाना पड़ा।
ये बुजुर्ग यहां अपनी पेंशन लेने के लिए आए थे और वो कई घंटों से कतार में खड़े थे। लेकिन जब वो कुछ देर के लिए कतार से बाहर निकले, तो उन्हें वापस कतार में खड़ा होने नहीं दिया गया। वहां मौजूद लोगों से बुजुर्ग मिन्नतें करता रहा लेकिन किसी ने इन्हें लाइन में उनकी जगह पर लगने नहीं दिया।
बुजुर्ग फौजी लोगों से मिन्नत करते रहे, लेकिन किसी को भी दया नहीं आई। आखिरकार ये बुजर्ग फौजी रो पड़े। वहीं, बैंक का कहना है कि सीनियर सिटीजन के अलग कतार का इंतजाम किया गया था। सवाल ये है कि अगर बुजुर्गों के लिए बैंकों में इंतजाम हैं, तो बुजुर्गों को रोने की जरूरत क्यों पड़ रही है?
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