मुंबई: महाराष्ट्र के नासिक ज़िला सहकारी बैंक में चुपके से 47 करोड़ बदलने का मामला सामने आया है. ये कारनामा 8 नवम्बर की रात को हुआ, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1000 और 500 के नोट रद्द करने का ऐलान किया.
प्रधानमंत्री की घोषणा के तुरंत बाद रातोंरात बैंक के निदेशकों ने 47 करोड़ रुपये के खुल्ले बैंक की तिज़ोरी से गायब कराए और उसके बदले में 500-1000 के नोट वहां भर दिए.
मामला खुला तो अब जांच शुरू हुई है. आयकर विभाग और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बैंक पर छापामारी की है और कई कागज़ात जब्त किए हैं. नासिक ज़िला बैंक पर एनसीपी नेता छगन भुजबल के समर्थकों का कब्जा बताया जाता है.
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