नई दिल्ली: सॉफ्टवेयर सर्विस ग्रुप इंफोसिस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तीन प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक- आव्रजन-विरोधी नीतियों- के असर से कंपनी के यूएस कारोबार को बचाने के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है. ट्रंप की तीन मुख्य प्राथमिकताओं में से एक आव्रजन को लेकर कठोर नीति अपनाना जिसका असर इंफोसिस पर भी पड़ सकता है.
इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का ने कहा, 'कंपनी के मुनाफे पर निकट भविष्य में असर पड़ सकता है.' उन्होंने कहा कि कंपनी ने इस बाबत कोई अनुमान अभी लगाया नहीं है कि यह असर कितना होगा. उन्होंने कहा कि इंफोसिस की यह योजना हो सकती है कि अपेक्षाकृत सस्ते डेवेलपर्स को अस्थायी वीजा पर बड़े तकनीकी प्रोजेक्ट्स के लिए काम करने के लिए अमेरिका में नहीं भेजा जाएगा बल्कि स्थानीय स्तर पर भर्तियां की जा सकती हैं.
सिक्का ने कहा कि अमेरिका से ही कर्मियों की भर्ती करना महंगा पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि भर्तियों के लिए लोगों की कमी नहीं पड़ने वाली है. सिक्का ने कहा कि कई विश्वविद्यालय हैं, कई काबिल लोग हैं जिन्हें हायर किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका मार्केट में उनका मार्केट शेयर कम होगा, इसकी संभावना उन्हें नहीं दिखती.
बता दें कि इंफोसिस ने तीन महीनों में दूसरी बार पिछले ही माह सालाना रेवेन्यू ग्रोथ के लक्ष्य में कटौती की थी. ऐसा इसलिए भी किया गया क्योंकि समूह को लगता है कि उनके प्रमुख पश्चिमी क्लाइंट खर्च करने से फिलहाल बच रहे हैं.
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