भोपाल। 19 नवंबर को देश के 6 राज्यों के 8 विधानसभा क्षेत्रों और चार लोकसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होंगे। नोटबंदी के फैसले के बाद होने वाला पहला उपचुनाव केंद्र सरकार के लिए लिटमस टेस्ट साबित होने वाला है। इस चुनाव में पता चल जाएगा कि नोटबंदी से जनता खुश है या नहीं।
चुनाव की अधिसूचना 26 अक्टूबर को जारी की गई थी। 19 नवंबर को मतदान के बाद मतगणना 22 नवंबर को होगी। असम की लखीमपुर, मध्यप्रदेश की शहडोल और कूचबिहार, पश्चिम बंगाल की तमलुक के अलावा असम, अरुणाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, त्रिपुरा और पुदुचेरी में विधानसभा की आठ सीटों पर मतदान होना है।
सर्वानंद सोनोवाल ने असम विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा सांसद के पद से इस्तीफा दे दिया था। इस कारण वहां लखीमपुर सीट खाली हो गई। सोनोवाल असम के मुख्यमंत्री हैं। वहीं भाजपा सांसद दलपत सिंह परास्ते के निधन के कारण मध्य प्रदेश के शहडोल सीट पर उपचुनाव होगा। पश्चिम बंगाल के कूचबिहार सीट से तृणमूल कांग्रेस की सांसद रेणुका सिन्हा की मृत्यु होने के कारण सीट खाली हो गई थी। तमलुक सीट से तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुवेन्दु अधिकारी, नंदीग्राम विधानसभा सीट से विधायक चुनकर मंत्री बन गए। इस कारण यहां उपचुनाव होने हैं।
मध्यप्रदेश में शहडोल लोकसभा (एसटी) और नेपानगर विधानसभा (एसटी) सीटों पर आज शाम को चुनाव प्रचार खत्म होने के बाद 19 नवंबर को मतदान होने वाला है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि दोनों सुरक्षित सीटों पर काबिज रही भाजपा के लिये यह उपचुनाव अहम हैं। यदि इनमें से किसी एक सीट पर भी भाजपा हारती है तो यह समझा जायेगा कि नोटबंदी का भाजपा नीत केन्द्र की सरकार का यह निर्णय आम लोगों को नहीं भाया है। हालांकि भाजपा के एक नेता ने इससे असहमति व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा दोनों सीटों पर वोटों के बड़े अंतर से अपना कब्जा बरकरार रखेगी तथा नोटबंदी का मुद्दा उपचुनाव में कोई असर नहीं डालेगा।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव ने कहा कि नोटबंदी के तानाशाही निर्णय से लोगों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। रुपयों के लिये आम जनता और किसान दोनों बैंकों के बाहर लम्बी कतारों में खड़े होने के लिये मजबूर हैं। किसानों के पास खाद और बीज खरीदने के लिये रुपये नहीं हैं।
लोग इस फैसले से बेहद नाराज हैं और मुझे विश्वास है कि वे इस मुद्दे पर भाजपा के खिलाफ वोट डालेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार द्वारा विकास के बड़े-बड़े खोखले दावों और प्रदेश में बिजली की 24 घंटे आपूर्ति करने के झूठे दावों के कारण लोग पहले से ही काफी परेशान हैं। अब नोटबंदी के इस फैसले ने आग में घी डालने का काम किया है।