विशाखापत्तनम : राजकोट की बल्लेबाजी की अनुकूल पिच पर उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के कारण आलोचना का शिकार भारतीय स्पिनर गुरुवार से यहां इंग्लैंड के खिलाफ दूसरे टेस्ट में बेहतर प्रदर्शन करने के इरादे से उतरेंगे क्योंकि पिच को स्पिनरों के अनुकूल माना जा रहा है।

एसीए-वीडीसीए स्टेडियम की पिच को पूरी तरह से स्पिन की अनुकूल माना जा रहा है जिसके सामने मेहमान टीम की बल्लेबाजी की परीक्षा होगी। भारतीय कप्तान विराट कोहली इससे पहले राजकोट की पिच को लेकर नाखुशी जता चुके हैं जहां भारतीय स्पिनरों को सिर्फ नौ विकेट मिले जबकि इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने चार शतक जड़े।

राजकोट मैच के बाद अच्छी पिच पर विकेट हासिल करने की रविचंद्रन अश्विन की क्षमता पर भी सवाल उठाए जाने लगे हैं जो पहले टेस्ट में 230 रन खर्च करने के बावजूद सिर्फ तीन विकेट हासिल कर पाए थे। पहले टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद अनुभवी सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर का टीम में स्थान भी खतरे में है। रणजी ट्राफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सलामी बल्लेबाज लोकेश राहुल को भी टीम से जोड़ दिया गया है।

दूसरे टेस्ट में स्पिनरों पर दारोमदार रहेगा और ऐसे में यह देखना होगा कि कोहली अंतिम एकादश में अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ उतरते हैं या आलराउंडर को तरजीह देते हैं। पहले टेस्ट में कई कैच टपकाने के बाद भारतीय टीम क्षेत्ररक्षण में भी सुधार करना चाहेगी। भारत की नजरें स्पिनरों पर टिकी हैं लेकिन चार साल पहले महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में यह रणनीति मेजबान टीम पर ही भारी पड़ गई थी जब इंग्लैंड ने अहमदाबाद में पहला टेस्ट गंवाने के बाद श्रृंखला 2-1 से जीत ली थी।

दो हफ्ते पहले बांग्लादेश में मेजबान टीम के खिलाफ पहली शिकस्त के बाद माना जा रहा था कि इंग्लैंड की टीम के खिलाफ भारत अच्छा प्रदर्शन करेगा। राजकोट में हालांकि ड्रा के बावजूद इंग्लैंड के चार बल्लेबाजों ने शतक जड़े जबकि उसके स्पिनरों ने भी भारतीय समकक्षों से अधिक 13 विकेट हासिल किए। एलिस्टेयर कुक की अगुआई वाली टीम ने साबित कर दिया है कि उनकी टीम न्यूजीलैंड से कहीं बेहतर है जिसे भारत ने पिछली श्रृंखला में 3-0 से हराया था। इंग्लैंड के बेहतर प्रदर्शन से साथ ही साबित हो गया है कि भारत की राह आसान नहीं होगी। राजकोट में अश्विन, रविंद्र जडेजा और अमित मिश्रा की भारतीय तिकड़ी से ज्यादा प्रभावी मोईन अली, जफर अंसारी और आदिल राशिद की इंग्लैंड की स्पिन तिकड़ी रही जिसके बाद भारतीय अनिल कुंबले ने भी अपने स्पिनरों का बचाव किया। दूसरे टेस्ट में भारत की नजरें अश्विन पर होंगी। जडेजा और मिश्रा भी बेहतर प्रदर्शन करना चाहेंगे।

मिश्रा उस पिच पर बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद कर रहे होंगे जहां दो हफ्ते पहले न्यूजीलैंड के खिलाफ अंतिम वनडे में उन्होंने 18 रन देकर पांच विकेट चटकाए थे और मेहमान टीम को 23.1 ओवर में 79 रन पर ढेर करने में अहम भूमिका निभाई थी। भारत को हालांकि पांच गेंदबाजों के साथ उतरने की रणनीति पर भी गौर करना होगा क्योंकि ऐसी स्थिति में कोहली या अजिंक्य रहाणे जब भी विफल रहते हैं तो भारतीय बल्लेबाजी में आ जाती है। चेतेश्वर पुजारा या रहाणे को कोहली के साथ जिम्मेदारी संभालनी होगी। गंभीर को वापसी कराने का प्रयोग उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं दे पाया। वह पिछले मैच में 29 और शून्य रन की पारियां खेल पाए जिससे राहुल को रणजी ट्राफी मैच के बीच से यहां बुलाया गया। स्पिन विभाग में इंग्लैंड को कमजोर नहीं आंका जा सकता। टीम ने पाकिस्तान के दिग्गज स्पिनर रहे सकलेन मुश्ताक का अनुबंध भी बढ़ाया है जो स्पिन गेंदबाजी सलाहकार के रूप में टीम के साथ जुड़े हैं।

सकलेन को पहले टेस्ट के बाद लौटना था लेकिन वह मोहाली टेस्ट तक टीम के साथ रहेंगे। फिट हो चुके तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन अगर अंतिम एकदश में शामिल होते हैं जो टीम को मजबूत मिलेगी। एंडरसन को क्रिस वोक्स की जगह मौका दिया जा सकता है लेकिन देखना यह होगा कि कोच ट्रेवर बेलिस कंधे की चोट से उबरने के बाद उनके साथ जल्दबाजी करते हैं या नहीं। अंतिम एकादश में चाहे किसी को भी जगह मिले लेकिन भारत निश्चित तौर पर इंग्लैंड को हल्के में नहीं लेगा को पिछली बार स्पिन के अनुकूल हालात में उस पर भारी पड़ा था।