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जेटली ने पूछा, यह 2000 के नोट में चिप कहां से आ गई?

नई दिल्ली। 1000 और 500 के नोट बंद करने के बाद देशभर में हड़कंप के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री ने एक बार फिर देश को भरोसा दिलाया कि ये फैसला अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए है। विपक्ष के इस फैसले की आलोचना करने पर भी जेटली ने जवाब दिया।

वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि 1978 से आज के समय की तुलना नहीं की जा सकती। उस वक्त बड़े नोट कम थे। ब्लैक मनी भी कम था। आज 86 प्रतिशत नोट 500 के हैं। इसलिए उसका प्रभाव भी ज्यादा है। 2000 के नोट में चिप के सवाल पर जेटली ने कहा कि इसमें चिप होगा, ये कहां से आई मुझे नहीं पता।

जेटली ने चिदंबरम के सवालों पर कहा कि तीन-तीन बार वित्त मंत्री रहने के बावजूद कालाधन समाप्त करने के लिये उन्होंने क्या कदम उठाये? जेटली ने कहा कि बड़े नोटों को चलन से वापस लेने के फैसले का विधानसभा चुनावों से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन यदि चुनाव सस्ते होते हैं तो यह एक अच्छी बात है।
जेटली ने कहा कि पिछले ढाई वर्षों में जब से प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में सरकार बनी है, एक के बाद एक कदम इस देश की अर्थव्यवस्था को काले धन से मुक्त करने की दिशा में कदम उठाती रही है। इसके लिए एसआईटी का गठन ही पहला स्टेप था। मध्यम और लंबी अवधि में टैक्सेशन बढ़ेगा। इससे डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स कलेक्शन बढ़ेगा। सरकार में बहुत कम निर्णय ऐसे होते हैं।

सरकार इस देश की अर्थव्यवस्था को काले धन से मुक्त करने का प्रयास कर रही है। विदेशों में काले धन को वापस लाने की कोई कोशिश पहले नहीं की गई थी। हम डिस्क्लोजर स्कीम लाए। काफी लोग सामने आए। इसके बाद जो लोग पकड़े जाएंगे, उन पर सख्त कार्रवाई होगी। ऐसे लोगों पर कार्रवाई चल भी रही है। बेनामी संपत्ति को जब्त करने का कानून बनाया। पिछले कई वर्षों में ये साफ हुआ कि एक ब्लैक मनी के समानांतर इकोनॉमी है जो अर्थव्यवस्था पर असर डालती है।

जेटली ने कहा कि कुछ समय पहले पीएम ने मन बनाया था कि 500 और 1000 के नोट बंद हों। मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत हुआ है। विश्व में भारत की विश्वसनीयता बनी रहे, इस दृष्टि से ये बड़ा कदम है। ये कैशलेस इकोनॉमी की तरफ ले जाने वाला कदम है। इससे ब्लैक मनी बैंकिंग व्यवस्था में आएगी।
जेटली ने कहा कि कितना पैसा बैंकिंग सिंस्टम में वापस आएगा, ये तो समय आने पर ही पता चलेगा। जेटली ने कहा कि मेट्रो रेल, टोल प्लाजा, सरकारी या निजी दवा की दुकान, एलपीजी सिलेंडर के लिए पेमेंट, रेलवे कैटरिंग और एएसआई मॉन्यूमेंट के टिकट लेने में 500 और 1000 के नोट चलेंगे। सभी बैंकों में पर्याप्त करेंसी आ जाए, इसकी व्यवस्था है, लेकिन इसे पूरी तरह सामान्य होने में दो से तीन सप्ताह लगेंगे। इस निर्णय का देश की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।

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