भारत को 500वें टेस्ट में मिली ऐतिहासिक जीत, न्यूजीलैंड को 197 रनों से हराया

कानपुर: रविचंद्रन अश्विन ने फिर से अपनी फिरकी का कमाल दिखाया और 6 विकेट लिये जिससे भारत ने पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में आज यहां न्यूजीलैंड पर 197 रन से जीत दर्ज करके अपने ऐतिहासिक 500वें टेस्ट मैच को यादगार बना दिया। न्यूजीलैंड की टीम 434 रन के मुश्किल लक्ष्य का पीछा करते हुए मैच के पांचवें और अंतिम दिन आज लंच के कुछ देर बाद 236 रन पर ढेर हो गयी।

भारत ने इस तरह से तीन मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बनाकर आईसीसी रैंकिंग में फिर से नंबर एक बनने की तरफ भी मजबूत कदम बढ़ाये। अश्विन ने परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाते हुए 132 रन देकर छह विकेट लिये और इस तरह से मैच में दस विकेट लेने में कामयाब रहे। मोहम्मद शमी (18 रन देकर दो विकेट) ने आज दो सफलताएं हासिल करके अश्विन का अच्छा साथ दिया।

रविंद्र जडेजा ने एक विकेट हासिल किया। जडेजा को उनके ऑलराउंड प्रदर्शन के लिये मैन ऑफ द मैच चुना गया। भारत ने इस जीत से एक तरह से हैट्रिक भी पूरी की। उसने इससे पहले अपने 300वें टेस्ट मैच में 1996 में अहमदाबाद में दक्षिण अफ्रीका को 64 रन से और 400वें टेस्ट मैच में 2006 में किंग्सटन में वेस्टइंडीज को 49 रन से हराया था। भारत की यह टेस्ट मैचों में कुल 130वीं जीत है। भारत ने दिसंबर 2012 से घरेलू सरजमीं पर 12 मैचों में अपना अजेय अभियान भी जारी रखा। उसने इनमें से दस मैच जीते हैं।

न्यूजीलैंड ने सुबह चार विकेट पर 93 रन से आगे खेलना शुरू किया। उसके कल के अविजित बल्लेबाजों ल्यूक रोंची (80) और मिशेल सैंटनर (71) ने पांचवें दिन सुबह पहले घंटे में भारत को कोई सफलता नहीं मिलने दी लेकिन इन दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिये 102 रन की साझेदारी टूटने के बाद भारत ने जीत हासिल करने में देर नहीं लगायी। न्यूजीलैंड ने अपने आखिरी पांच विकेट 42 रन के अंदर गंवाये।

अश्विन ने 5वीं बार मैच में 10 या इससे अधिक विकेट लेकर हरभजन सिंह की बराबरी की। उनसे आगे अब केवल वर्तमान कोच अनिल कुंबले हैं जिन्होंने सर्वाधिक 8 बार मैच में 10 या इससे अधिक विकेट लिये हैं। सुबह रोंची और सैंटनर ने शुरू में सतर्कता बरतने के बाद आक्रामक रवैया अपनाया। सैंटनर ने यहां तक कि जडेजा पर छक्का भी जड़ा। इन दोनों ने सुबह 20.4 ओवर में 65 रन जोड़े। इनमें से पहले तीन ओवरों में केवल छह रन बने थे। रोंची ने कुछ करारे शॉट जमाये। उनकी टाइमिंग शानदार थी। पहले ड्रिंक्स ब्रेक तक दोनों बल्लेबाज पूरे आत्मविश्वास के साथ खेल रहे थे। रोंची ने इसके बाद जडेजा की गेंद पर स्वीप शॉट खेलने की गलती की और अपना विकेट इनाम में दिया। गेंद उनके बल्ले के ऊपरी हिस्से से लगकर अश्विन के पास चली गयी।

रोंची ने अपनी पारी में 120 गेंदें खेली तथा नौ चौके और एक छक्का लगाया। उनकी 80 रन की पारी इस मैच में दोनों टीमों की तरफ से सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर रहा। मैच में दस अर्धशतक लगे लेकिन कोई भी बल्लेबाज सैकड़ा नहीं जमा पाया। सैंटनर ने एक छोर संभाले रखा और व्यक्तिगत रूप से अपने लिये इस मैच को यादगार बनाया। उन्होंने एक पारी में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करने के बाद अपने करियर का पहला अर्धशतक भी जमाया। उन्होंने सीधे बल्ले से खेलने को तरजीह दी जिससे वह भारतीय स्पिनरों से अच्छी तरह से निबट पाये।

ईश सोढ़ी (17) ने सैंटनर के साथ मिलकर स्पिनरों के सामने अपना सारा बल्लेबाजी कौशल झोंक दिया। इन दोनों ने लंच तक और कोई विकेट नहीं गिरने दिया। इसके बाद अश्विन ने खूबसूरत गेंद पर सैंटनर की पारी का अंत किया। सैंटनर के लेग स्टंप के बाहर पिच करायी गयी यह गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेकर सिली प्वाइंट पर खड़े रोहित शर्मा के हाथों में समा गयी। सैंटनर भी अश्विन की चतुराई भरी गेंद को देखकर मुस्कराये और फिर पवेलियन लौट गये। उन्होंने 179 गेंदें खेली तथा सात चौके और दो छक्के लगाये।

इसके बाद तो जीत महज औपचारिकता रह गयी थी। अश्विन ने सोढ़ी के रूप में पारी का अपना पांचवां विकेट लिया और फिर नील वैगनर को पगबाधा आउट करके भारत को जीत दिलायी जो घरेलू सरजमीं पर उसकी 88वीं जीत है। भारत इससे आईसीसी रैंकिंग में नंबर एक बनने के करीब पहुंच गया। इसके लिये उसे यह सीरीज जीतनी होगी।