मुंबई: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि बीसीसीआई को अपने अधिकारियों के लिए 70 साल की उम्र सीमा तय करनी होगी। इस अहम फैसले के बाद मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश को स्वीकार करते हैं। 76 साल के पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रिटायरमेंट लेकर उन्हें बहुत खुशी होगी। उन्होंने कहा 'मुबंई क्रिकेट संघ ने सुप्रीम कोर्ट की सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। बस हमें दो तीन बिंदुओं पर कुछ स्पष्टीकरण चाहिए जैसे कि महाराष्ट्र में तीन संघ हैं। हमें रोटेशन नीति को लेकर भी आपत्ति है।'
पवार ने आगे कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार हम MCA के संविधान को बदलने की कोशिश करेंगे। इसके लिए हम समिति का गठन करेंगे।' गौरतलब है कि 2010 से 2012 तक शरद पवार आईसीसी के अध्यक्ष रहे हैं और 2005 से 2008 तक वह बीसीसीआई के चेयरमैन रहे।
बता दें कि शरद पवार का यह बयान तब आया है जब पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस आरएम लोढ़ा के बीसीसीआई में सुधार के ज्यादातर सुझावों को मंजूरी दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस बात का भी ध्यान रखा कि बीसीसीआई की आर्थिक हालत कमजोर न हो, लेकिन सिस्टम में क्लीनअप के सभी सुझावों को मंजूरी दे दी गई। अब इन सभी सुझावों को बीसीसीआई को छह महीने के भीतर लागू करना है और इसकी जिम्मेदारी सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस आरएम लोढ़ा को ही दी है। कमेटी की पहली सिफारिश में कोई भी व्यक्ति 70 साल की उम्र के बाद बीसीसीआई या राज्य संघ पदाधिकारी नहीं बन सकता। लोढ़ा समिति का सबसे अहम सुझाव है कि एक राज्य संघ का एक मत होगा और अन्य को एसोसिएट सदस्य के रूप में रेलीगेट किया जाएगा।
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