नई दिल्ली: भारतीय टीम के नये हेड कोच अनिल कुंबले का कहना है कि वह कप्तान विराट कोहली की मैदान पर आक्रामकता को नियंत्रित करने वाले आखिरी व्यक्ति होंगे लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत के दूत होने के नाते खिलाड़ियों को इस बात से भी वाकिफ होना चाहिए कि इसमें एक महीन रेखा होती है जिसका सम्मान किया जाना चाहिए।
कुंबले ने भारत के वेस्टइंडीज दौरे के लिये रवाना होने से पूर्व आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहा, मुझे उसकी आक्रामकता पसंद है। मैं भी इससे अलग नहीं था क्योंकि मैं भी बहुत आक्रामक था। लेकिन हम शायद इस मायने में काफी अलग हैं कि हम मैदान पर कैसा खेलते हैं। लेकिन आप आक्रामकता को नियंत्रित नहीं करना चाहते। मैं किसी की स्वभाविक प्रकति को नियंत्रित करने का आखिरी व्यक्ति हूंगा।
हालांकि उन्होंने कोहली सहित सभी आक्रामक खिलाड़ियों के लिये चेतावनी भरा संदेश दिया। उन्होंने कहा, लेकिन हम सभी जानते हैं कि भारत का दूत होना और भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा होना कितना महत्वपूर्ण होता है। यह प्रत्येक कोई समझता है। हम सुनिश्चित करेंगे कि इसमें एक मामूली सी रेखा है और मुझे लगता है कि हर कोई इस बात को जानता है। मैं निश्चित रूप से किसी की भी स्वभाविक प्रकृति को काबू नहीं करूंगा।
कैरेबिया में आगामी चार टेस्ट मैचों की सीरीज से उम्मीदों के बारे में पूछने पर भारत के सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाज ने कहा कि सभी इसमें जीत दर्ज करने की कोशिश करेंगे क्योंकि कोई भी टीम इसके विपरीत नहीं सोचती।
कुंबले ने कहा कि बतौर कोच, आप अपनी टीम को जीतते हुए देखना चाहते हैं और खिलाड़ियों को उनकी योग्यता के हिसाब से सर्वश्रेष्ठ रूप से तैयार करते हो। सुनिश्चित करते हो कि सभी विभागों को ध्यान में रखा जाये। कौशल तथा रणनीतिक रूप से भी ताकि वे किसी भी स्थिति का आकलन करके खुद ही हल ढूंढ लें। अच्छी बात यह है कि हम काफी टेस्ट क्रिकेट खेल रहे हैं और हम अपनी कमियों, अगर कोई होती है तो, को ठीक करने की कोशिश करेंगे। हम 17 टेस्ट मैच खेल रहे हैं, जो वेस्टइंडीज से शुरू होंगे, फिर घरेलू मैदान पर न्यूजीलैंड, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया से सीरीज खेलेंगे।
इस महान लेग स्पिनर ने कहा, हमारा लक्ष्य निरंतर बने रहना है और जितने मैच जीत सकें, उतने जीतना है क्योंकि आप किसी भी मैच में यह सोचते हुए नहीं जाना चाहते कि आप जीत दर्ज नहीं कर सकते। कुंबले ने यह भी आश्वस्त किया कि ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की हाथ में लगी चोट इतनी गंभीर नहीं थी, हालांकि फिजियो इस पर नजर रखे हैं।