नई दिल्ली। राष्ट्रीय कार्यकारिणी और राज्यसभा की वोटिंग से ठीक पहले बीजेपी को विधान परिषद चुनाव में करारा झटका लगा है। बीजेपी के दो उम्मीदवारों में से एक उम्मीदवार चुनाव हार गया। जबकि सपा के सभी आठ, बीएसपी के सभी तीन और कांग्रेस के इकलौते उम्मीदवार ने चुनाव में जीत दर्ज की। इस चुनाव में सबसे शानदार प्रदर्शन किया बीएसपी ने। दो विधायकों की बगावत के बाद भी बीएसपी उम्मीदवार को 91 वोट मिले। उसके पक्ष में दूसरी पार्टियों के 13 विधायकों ने क्रास वोटिंग की। कांग्रेस के तीन और सपा के आधा दर्जन विधायकों ने पार्टी के खिलाफ वोटिंग की। बीएसपी के बाद सबसे ज्यादा क्रास वोटिंग बीजेपी के पक्ष में हुई। यूपी में शनिवार को राज्यसभा चुनाव की भी वोटिंग होनी है, ऐसे में ये क्रॉस वोटिंग वहां पार्टियों के समीकरण बिगाड़ सकती है।
विधानसभा में एसपी के कुल 229 विधायक हैं और पार्टी ने आठ उम्मीदवार मैदान में उतारे थे। ये सभी उम्मीदवार यशवंत सिंह, बुक्कल नवाब, राम सुंदर दास, बलराम यादव, जगजीवन प्रसाद, शत्रुघ्न प्रकाश, कमलेश पाठक और रणविजय चुनाव जीत गए। बीएसपी के 80 विधायक हैं, इनमें से दो ने बगावत कर दी, फिर भी बीएसपी उम्मीदवार अतर सिंह राव, दिनेश चंद्र और सुरेश कश्यप चुनाव जीत गए। दो विधायकों की बगावत के बाद भी बीएसपी उम्मीदवारों को 91 वोट मिले यानी दूसरे दलों के 13 विधायकों ने बीएसपी को वोट किया।
बीजेपी के 41 विधायक हैं, जिनमें से एक बागी हो चुके हैं, दूसरे दलों से 12 वोट मिलने के बाद भी बीजेपी के एक उम्मीदवार भूपेंद्र चौधरी ही चुनाव जीत पाए, बीजेपी के दूसरे उम्मीदवार दयाशंकर सिंह 23 वोट पाकर छह वोटों से हार गए। कांग्रेस के 29 विधायक हैं, इसके बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी दीपक सिंह को पहली वरीयता में 26 वोट ही मिले, दीपक दूसरी वरीयता के वोटों से जीते।
बीएसपी के बाद सबसे ज्यादा क्रास वोटिंग बीजेपी के लिए हुई। हालांकि इसके बाद भी बीजेपी के दूसरे उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाए। क्रास वोटिंग का शिकार समाजवादी पार्टी और कांग्रेस भी हुई। सपा के आठवें उम्मीदवार मुश्किल से चुनाव जीत पाए। कांग्रेस उम्मीदवार को भी चुनाव जीतने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। चुनावी नतीजे आने के बाद विरोधी दलों ने बीजेपी पर हमला बोल दिया है। उधर बीजेपी दूसरे दलों से मिले वोटों को ही अपनी जीत मान रही है।