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उड़ता पंजाब विवाद पर निहलानी के खिलाफ फिल्मकार एक जुट

कहा कि क्या भारत को सउदी अरब बनाना चाहते हैं

मुंबई: फिल्म उड़ता पंजाब की रिलीज को लेकर संशय के बादल के बीच फिल्मकार अनुराग कश्यप ने फिल्म निर्माता और निर्देशकों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और कहा कि हमें अपने ईमानदारी को साबित करना पड़ रहा है यह शर्मनाक है। उन्होंने अपने अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि मेरा इनोसेंस फिल्म ब्लैक फ्राइडे ने खत्म कर दिया था। इस फिल्म से इस क्षेत्र की दिक्कतों को समझ गया था।
उन्होंने कहा कि हर बार सरकार बदलती है, और जब भी नया मंत्री बनता है हमें नई उम्मीद दिखती है। उन्होंने कहा कि इस बार पहली बार किसी मंत्री (राज्यवर्धन सिंह राठौड़) ने पहल की और फिल्मकारों से मुलाकात की और हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया। तब लगा कि अब कुछ बदलेगा। पहलाज निहलानी पर हमला करते हुए अनुराग ने कहा कि पिछले दो साल में जितनी फिल्मे ट्राइबुनल में गई उतनी पहले नहीं गईं। उन्होंने कहा कि जानबूझकर फिल्म को देर किया जाता है।
अनुराग ने कहा कि निहलानी झूठ बोल रहे हैं कि सोमवार से फिल्म का सर्टिफिकेट तैयार था, जबकि हमने कल लीगल नोटिस के जरिए इस स्थिति स्पष्ट करने को कहा था। उन्होंने कहा कि हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं।
अनुराग ने कहा कि हर फिल्म को बनने देना चाहिए क्योंकि यह हक जनता को होना चाहिए कि वह फिल्म को रिजेक्ट करे। एक अधिकारी को यह हक कैसे मिल सकता है। निहलानी का व्यवहार निर्माताओं पर भारी पड़ रहा है।
महेश भट्ट ने कहा, 1973 में जब मैंने फिल्म बनाई तब समस्या आई थी। करीब 30 साल बाद भी एक फिल्म में दिक्कत आई। तब भी मुझे लड़ाई लड़नी पड़ी और उस फिल्म को अवार्ड मिला। 2016 में भी ऐसा हो रहा है जब भारत दुनिया भर में अपनी छाप छोड़ने को तैयार है। उन्होंने कहा कि क्या भारत को सउदी अरब बनाना चाहते हैं।
जोया अख्तर ने कहा कि ये एक फिल्मकार की नहीं हम सब की लड़ाई है। सुधीर मिश्रा ने कहा कि ये खतरे की घंटी है। इससे डराने की कोशिश हो रही है। फिल्म के निर्देशक अभिषेक चौबे ने कहा कि फिल्म से दिक्कत होगी। तो मैंने फिल्म रिलीज से तौबा करने की बात कही। लेकिन सबने कहा कि यह गलत है और इसके लिए लड़ाई लड़नी होगी।
शाहिद कपूर ने कहा कि हम सूचना और तकनीक की दुनिया में रह रहे हैं। युवाओं को पता चलना चाहिए कि ड्रग्स से क्या होता है। यह युवाओं के लिए संदेश भरी फिल्म है।
इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (इफ्टडा) के सेक्रेटरी अश्विनी चौधरी ने कहा कि हम 10 हजार सदस्य वाली संस्था है और यह लड़ाई आजादी की अभिव्यक्ति की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि पहलाज निहलानी आने के बाद से यह लड़ाई और बढ़ गई है। चौधरी ने कहा कि पूरी इंडस्ट्री अनुराग के साथ है।
इफ्टडा के बैनर तले अशोक पंडित ने कहा कि फिल्मकारों की आजादी पर हमला है। पंडित ने कहा कि यह एक फिल्म की बात नहीं है पूरी इंडस्ट्री की बात है। पंडित ने कहा कि पहलाज निहलानी के फिल्म को आप द्वारा पैसे दिए जाने के बयान की निंदा करते हैं और निहलानी से माफी मांगने को कहते हैं।
मुकेश भट्ट, महेश भट्ट, सतीश कौशिक, इम्तिआज अली के अलावा कई और फिल्मी हस्तियां इस संवाददाता सम्मेलन में मौजूद थे। सेंसर बोर्ड के सदस्य अशोक पंडित ने इस कार्यक्रम का संचालन किया।

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