निजी निवेश, अवस्थापना विकास, कृषि, ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के विकास पर बल

लखनऊ:उत्तर प्रदेश शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिये विकास का एजेंडा तैयार कर संबंधित विभागों को इस निर्देश के साथ भेजा गया है कि वे इस एजेंडा के लिये अपना विजन स्टेटमेंट तथा मात्रात्मक लक्ष्य आगामी 15 फरवरी तक शासन को अवश्य उपलब्ध करा दें, ताकि नया वित्तीय वर्ष शुरू होते ही इसका कार्यान्वयन प्रारम्भ किया जा सके। साथ ही इस एजेंडा में निर्धारित बिन्दुओं की पूर्ति के लिये आवश्यक बजट का प्राविधान किया जा सके।

शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिये तैयार विकास एजेंडा में विभिन्न विभागों के कुल 165 बिन्दु शामिल किये गये हैं। इस एजेंडा का मुख्य उद्देश्य विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के माध्यम से प्रदेश का त्वरित सामाजिक एवं आर्थिक विकास सुनिश्चित कराना है। इसके मद्देनजर विभिन्न क्षेत्रों के तहत सर्वोच्च प्राथमिकता वाले सूत्रों को चिन्हित किया गया है और उन पर समयबद्ध ढंग से अमल किये जाने पर जोर दिया गया है ताकि विकास का अधिक से अधिक लाभ बहुत ही कम समय में जनता को मिल सके।

इस एजेंडा में जहां एक ओर प्रदेश के वित्तीय संसाधनों को बढ़ाये जाने तथा भारत सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं एवं कार्यक्रमों के तहत अधिक से अधिक केंद्रीय सहायता प्राप्त कर उन्हें सही ढंग से लागू किये जाने पर बल दिया गया है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्ष लागू की गयी विभिन्न नीतियों का कार्यान्वयन, महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के निर्माण के लिये रणनीति, निजी निवेश हासिल करने के प्रयास, आम लोगों के लिये विभिन्न अवस्थापना सुविधाओं का सृजन, कृषि, ऊर्जा, मानव संसाधन विकास, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, नगर विकास एवं नगरीय गरीबी उन्मूलन, ग्राम्य विकास के विशिष्ट कार्य बिन्दु, समाज के गरीब वर्गों के लिये सामाजिक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों के लिये नए प्रयास एवं नई योजनायें भी शामिल की गयी हैं।

यह एजेंडा प्रदेश की समस्त विकास संबंधी गतिविधियों का केंद्र होगा। इसके कार्यान्वयन का मासिक अनुश्रवण मुख्य सचिव द्वारा किया जायेगा, जबकि मुख्यमंत्री द्वारा यथासमय इसका त्रैमासिक अनुश्रवण किया जायेगा। एजेंडा बिन्दुओं पर विभाग द्वारा हासिल की गयी प्रगति को संबंधित विभाग की उपलब्धियों के रूप में आंका जायेगा।