लखनऊ। जहरीली शराब ने जब लखनऊ तथा उन्नाव जिले के 28 लोगों को अपना निवाला बना लिया, जब उत्तर प्रदेश सरकार जागी। इस मामले में अब तक 21 अफसरों को निलंबित किया गया है। आज संयुक्त आबकारी आयुक्त आरएस तिवारी के साथ उन्नाव के आबकारी अधिकारी तथा आबकारी निरीक्षक को भी निलंबित किया गया।  राजधानी लखनऊ और उससे सटे उन्नाव जिले में रविवार रात जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या ३३ पहुंच गई है। सवा सौ से अधिक लोगों का अब भी ट्रॉमा सेण्टर, सिविल और बलरामपुर अस्पताल में इलाज चल रहा है।

सूबे में आबकारी मंत्रालय मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास है। मामला मुख्यमंत्री के पास आते ही इस मामले में जिम्मेदार माने जाने वालों का ताबड़तोड़ निलंबन शुरु हो गया। 

वहीं आज मलिहाबाद थानाक्षेत्र में जहरीली शराब पीने के चलते हुई मौतो के बाद आज जब मृतको के शव  पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुचे तो वहां फिर से मातम छा गया। एक तरफ जहां कई गांवो में कोहराम मचा था वहीं दूसरी तरफ आस पास के गांवो में भी मातम छाया हुआ था। प्रशासन से गांवो में भारी  संख्या में पुलिस एवं पीएसी  तैनात की गयी है। शवो का अन्तिम संस्कार  कडी सुरक्षा के बीच किया गया।

उधर उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने प्रमुख सचिव आबकारी एवं प्रमुख सचिव गृह को निर्देश दिये हैं कि मिलावटी शराब की बिक्री में लिप्त लोगों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही सुनिश्चित कराई जाय। उन्होंने कहा कि मिलावटी शराब की बिक्री को रोकने के लिए प्रदेश में एक सघन जांच अभियान चलाकर इसमें लिप्त लोगों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही की जाय। उन्होंने सख्त लहजों में अधिकारियों को निर्देश दिये कि भविष्य में किसी भी क्षेत्र में अवैध एवं मिलावटी शराब की बिक्री पाये जाने पर संबंधित अधिकारियों के विरूद्व दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।