नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीएसटी काउंसिल की बैठक से एक दिन पहले बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से गुड्स एंड सर्विस टैक्‍स (जीएसटी) से जुड़ा मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और जनता के साथ छल है। उन्‍होंने यह भी कहा कि स्‍टूडेंट्स की परीक्षाओं और अन्‍य समस्‍याओं के मुद्दे से केंद्र सरकार लापरवाही से निपट रही है।

मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक
कांग्रेस अध्‍यक्ष ने कांग्रेस शासित 4 राज्यों और महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल एवं झारखंड के मुख्यमंत्रियों के साथ डिजिटल बैठक में यह दावा भी किया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति देश के प्रगतिशील, धर्मनरिपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए झटका है।

14 फीसदी की दर से था वादा
सोनिया गांधी ने कहा, ‘‘जीएसटी को सहयोगात्मक संघवाद के उदाहरण के तौर पर लागू किया गया। इसमें राज्यों को पांच साल तक 14 फीसदी की दर से मुआवजा देने का वादा किया गया। गत 11 अगस्त को वित्त मामले की संसद की स्थायी समिति की बैठक में भारत सरकार के वित्त सचिव ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने की स्थिति में नहीं है।”

देश के लोगों से छल
गांधी ने आरोप लगाया कि राज्यों को जीएसटी का मुआवजा देने से इनकार करना राज्यों और भारत के लोगों के साथ छल के अलावा कुछ नहीं है। उन्होंने यह दावा भी किया कि केंद्र सरकार एकतरफा उपकर लगाकर लाभ कमा कर रही है और राज्यों के साथ लाफ़ साझा नहीं किया जा रहा है।

शिक्षा नीति पर चिंता
इसके साथ ही नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति से हमें चिंतित होना चाहिए। यह प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए निश्चित तौर पर झटका है।”