स्पोर्ट्स डेस्क
पाकिस्तान के लिए 55 टेस्ट, 218 वनडे और 119 टी20 मैच खेल चुके ऑलराउंडर मोहम्मद हफीज ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से पूरी तरह संन्यास लेने का फैसला किया है.

17 अक्टूबर 1980 को सरगोधा में अपनी आंखें खोलने वाले मुहम्मद हफीज ने अपना पहला वनडे 3 अप्रैल 2003 को शारजाह में जिम्बाब्वे के खिलाफ खेला था। उसी वर्ष अगस्त में, उन्होंने कराची के नेशनल स्टेडियम में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया।

मोहम्मद हफीज ने इंग्लैंड के खिलाफ 28 अगस्त 2006 को ब्रिस्टल में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच खेला था।

इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लेने की सोमवार को घोषणा करने वाले पाकिस्तान के पूर्व कप्तान मोहम्मद हफीज ने कहा कि खेल में भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए खिलाड़ियों को कभी देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं दिया जाना चाहिए. हफीज ने संन्यास की घोषणा करने के बाद लाहौर में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वह अपने इस रुख पर कायम हैं कि मैच फिक्स करने वाले और देश को धोखा देने वाले खिलाड़ी को कभी खेलने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए.

हफीज ने जाते-जाते कहा कि उनके करियर का सबसे निराशाजनक वो लम्हा था जब पीसीबी चीफ एक भ्रष्ट खिलाड़ी को मौका देने के लिए उन्हें बाहर जाने के लिए कह दिया था. हफीज ने कहा, ‘मेरे लिए करियर की सबसे बड़ी निराशा और पीड़ा तब थी जब मैंने और अजहर अली ने इस मुद्दे पर सैद्धांतिक रवैया अपनाया लेकिन बोर्ड अध्यक्ष ने हमें बताया कि अगर हम नहीं खेलना चाहते तो कोई दिक्कत नहीं हैं लेकिन संबंधित खिलाड़ी खेलेगा.’

हफीज ने साफ किया कि उनके संन्यास का पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के अध्यक्ष रमीज राजा के इस रुख से कोई लेना देना नहीं है कि उन्हें और शोएब मलिक को 2019 विश्व कप के बाद संन्यास ले लेना चाहिए था. उन्होंने कहा, ‘नहीं, मैं 2019 विश्व कप से संन्यास के बारे में सोच रहा हूं लेकिन मेरी पत्नी और कुछ शुभचिंतकों ने मुझे खेलते रहने के लिए मनाया. लेकिन मैं तभी से इस बारे में सोच रहा था.’ हफीज ने कहा, ‘जहां तक इस बात का सवाल है कि रमीज ने क्या कहा या महसूस किया तो यह उनका निजी नजरिया है और मैंने हमेशा आलोचकों का सम्मान किया है. मेरा तरीका मैदान पर उतरकर उन्हें जवाब देना है. मैं बोर्ड में किसी ने नाराज नहीं हूं. ‘ हफीज ने कहा कि वो बिना किसी मलाल के इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह रहे हैं.

इस सीनियर खिलाड़ी ने हालांकि स्वीकार किया कि वह टी20 विश्व कप के बाद से पीसीबी प्रमुख से मिलने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने कहा, ‘रमीज ने कहा कि उन्होंने सोचा कि मैं पीएसएल और केंद्रीय अनुबंध में अपने वर्ग के बारे में बात करना चाहता हूं. लेकिन जब मैं 31 दिसंबर को आखिरकार उनसे मिला तो मैंने उन्हें कहा कि मैं सिर्फ उन्हें संन्यास के अपने फैसले के बारे में सूचित करना चाहता था.’ हफीज ने साथ ही कहा कि खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच बेहतर संवाद होना चाहिए.