तौक़ीर सिद्दीक़ी

परम्परा टूटी तो क्या हुआ? मुकाबला होगा तो हार जीत भी होगी

मुकाबला कैसा भी हो, किसी न किसी को तो हारना ही पड़ता है, पर कभी कभी हार ऐसी मिलती है जिसपर आसानी से यक़ीन नहीं होता। दुबई में 24 अक्टूबर को हुए भारत-पाक मैच को अगर किसी ने देखा न हो और उससे यह कह दिया जाय कि पाकिस्तान ने भारत को 10 विकेट से हरा दिया है, तो उस शख्श को जल्दी यक़ीन नहीं होगा। और ऐसा इसलिए होता है कि कभी कभी मैच का नतीजा टीम की पहचान से मैच नहीं करता। बहार हाल ऐसा हो चूका है, भारत को पहली बार किसी विश्व कप टूर्नामेंट में पाकिस्तान शिकस्त देने का कारनामा कर चूका है. इस जीत का उसे बरसों से इंतज़ार था और अब तो हालत यह हो गयी थी कि किसी भी विश्व कप के आयोजन पर उसे एक तरह से शर्मिंदगी का शिकार होना पड़ता था. खैर अब रवायत टूट चुकी है, विश्व कप को लेकर अब उसे आगे शर्मिंदा नहीं होना पड़ेगा।

मैच की बात करें तो हमने पिछली वीडियो में इस बात की आशंका जताई थी कि मैच कहीं एकतरफा न हो जाय, हालाँकि यह नहीं सोचा था कि ऐसा पाकिस्तान के फेवर में होगा। पर यही तो क्रिकेट है, अक्सर आपकी सोच से उलट नतीजे देती है. इसलिए क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है और पाकिस्तान की टीम इस मामले में नंबर एक है, अनिश्चितताओं से भरी हुई, कब कैसा खेल दिखा जाय अंदाज़ लगाना बहुत मुश्किल होता है. आज भी कुछ वैसा ही हुआ.

मैच में आज पाकिस्तान की टीम अपने पूरे रंग में दिखी। बाबर की कप्तानी में पूरी टीम ने आज भारत को हराने के लिए जान झोंक दी , मानों यह मौक़ा आज निकल गया तो फिर उसे कभी नहीं मिलेगा। गेंदबाज़ी कमाल, बल्लेबाज़ी बेमिसाल, फील्डिंग भी काफी अच्छी रही. वहीँ भारत के लिए एक कोहली को छोड़कर कुछ भी अच्छा नहीं हुआ. सिक्के के उछाल में भाग्य ने साथ नहीं दिया, फिर बल्लेबाज़ी की इतनी दयनीय शुरुआत कि कल तक जिनका बल्ला रन उगल रहा था आज उसपर ताला लगा हुआ दिखा . यह तो विराट और पंत की मेहनत का नतीजा था जो टीम का स्कोर 150 तक पहुंचा। इतने स्कोर पर भी भारतीय गेंदबाज़ों ने टीम को बहुत बार जीत दिलाई है मगर बाबर और रिज़वान ने आज जिस तरह की बल्लेबाज़ी का मुज़ाहेरा किया है नाकाबिले फरामोश रही. ऐसी ही परफॉर्मन्स से रवायतें टूटती हैं.

वह कहते है न कि कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता, विराट के साथ वैसा ही हो रहा है. बिना आईपीएल जीते उन्हें कप्तानी छोड़नी पड़ी और अब बरसों से चली आ रही परंपरा भी उनकी कप्तानी में ही टूटी है, यकीनन दिल तो अंदर से बहुत दुखा होगा। वहीँ बाबर आज़म ने वह कारनामा कर दिखाया जो पाकिस्तान के बड़े बड़े धुरन्धर भी न कर पाए. बेशक आज वह आपने आपको अपने प्रधानमंत्री इमरान खान सरीखा महसूस कर रहे होंगे, यह कारनामा तो वह भी नहीं कर पाए थे पर अपने ड्राइंग रूम में पूरा मैच देखते हुए नज़र आये। बाबर के सामने अक्सर मोहम्मद रिज़वान को उतनी मीडिया हाइप नहीं मिलती मगर पिछले कई बरसों से पाकिस्तान को मिलने वाली जीतों में उनका बहुत बड़ा हाथ रहा है. आज मैच के असली हीरो तो शाहीन आफरीदी ही रहे जिन्होंने भारत का टॉप आर्डर तहस नहस करके पाकिस्तान के लिए जीत की नींव डाली जिसपर बाबर और रिज़वान ने ईमारत खड़ी की.

भारत के लिए आज एक बुरा दिन था, इतना ही कहा जा सकता है वरना वह पाकिस्तान से बहुत आगे है और इससे क्रिकेट का कोई भी पंडित इंकार नहीं कर सकता, टूर्नामेंट अभी शुरू हुआ है, विराट सेना इसे एक सबक की तरह लेगी ऐसा मेरा मानना है. पाकिस्तान के लिए आज की जीत बेशक बहुत बड़ी कामयाबी है पर यही काफी नहीं है. हम तो यही दुआ मांगते हैं कि इस विश्व कप का फाइनल भारत और पाक्सितान के दरमियान ही हो पर ऐसा वन साइडेड न हो.