जनपद के विपक्षी दलों ने सांसद के बयान पर जताया एतराज

लखनऊ: कल पकरी गांव का दौरा करने के बाद प्रेस वार्ता में भाजपा सांसद राम सकल द्वारा जनपद को राजनीतिक प्रयोग स्थली न बनने देने और सरकार की छवि धूमिल करने वाले विपक्षी दलों के नेताओ के मंसूबो को सफल न होने देने की कड़ी निंदा जनपद के विपक्षी दलों ने की है. पूर्व मंत्री विजय सिंह गोंड़, स्वराज अभियान के नेता दिनकर कपूर, समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष श्याम बिहारी यादव, राहुल प्रियंका कांग्रेस सेना के प्रदेश महामंत्री राजेश द्विवेदी , सपा के पूर्व जिला महासचिव जुबेर आलम, सीपीएम के जिला सचिव नंदलाल आर्य, सीपीआई के जिला सचिव डा. आर. के. शर्मा, मजदूर किसान मंच के नेता कृपाशंकर पनिका और कांता कोल ने वाट्सएप के जरिये आयोजित बैठक के बाद प्रेस को इस आशय का बयान जारी किया.

विपक्षी दलों के नेताओं ने बयान में कहा कि भाजपा सांसद को आदिवासी रामसुन्दर गोंड की हत्या में लिप्त अवैध बालू खनन माफिया भाजपा नेता के विरुद्ध कार्रवाई करनी चाहिए ना कि इस सवाल पर जनता की मदद करने वाले राजनीतिक नेताओं को धमकी देनी चाहिए. सासंद के बतौर उनका काम राजधर्म का पालन करना है ना कि धमकी देना. नेताओं ने कहा की यदि भाजपा की सरकार और जिला प्रशासन मृतक रामसुंदर गोंड़ की हत्या की एफआईआर दर्ज कर लेता और प्रधान, नाबालिग बच्चो समेत ग्रामीणों को फर्जी मुकदमे में फंसा कर उत्पीड़न न करता तो इस सवाल को राजनीतिक सवाल बनाने की आवश्यकता ही न पड़ती. जिन प्रशासनिक अधिकारिओ ने खनन माफियाओं से गठजोड़ कायम कर इस हत्याकांड को अंजाम दिया भाजपा सांसद उनके विरुद्ध कार्यवाही कराने की जगह उल्टा जनता की मदद करने वाले विपक्षी दलों पर ताने मार रहे हैं. अभी भी ग्रामीणों ने बताया है कि मृतक रामसुंदर गोंड़ के पुत्र लाल बहादुर को विंडमगंज थाना अध्यक्ष द्वारा मुकदमा वापस लेने के लिए लगातार धमकी दी जा रही है. हत्यारों के विरुद्ध दायर मुकदमें में एससी एसटी एक्ट की धाराएं भी नहीं लगाई गई हैं, अभी तक नामजद अभियुक्तों की गिरफ़्तारी नहीं की गयी और इतना ही नहीं न्यायोचित और निष्पक्ष जांच के लिए सीओ दुद्धी को उनके पद से हटाने की न्यूनतम मांग को भी नहीं माना गया. सरकार चलाने के नाते भाजपा नेताओं का दायित्व था कि वह इस हत्याकांड और उत्पीड़न के लिए पकरी की जनता से माफी मांगते और जनता की न्यायोचित मांगों को पूरा कराते.

विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा कि अभी भी इस बात की जांच कराने की जरूरत है कि नगवा गांव में मिले हुए खनन पट्टे पर खननकर्ताओं द्वारा पकरी गांव में जेसीबी लगाकर खनन आखिर किसके आदेश पर कराया गया और क्या मौके पर पहुंची हुई पुलिस को यह बात नहीं दिखाई दी थी. जबकि रामसुंदर की लाश मिलने के ही दिन से सभी ग्रामीण इसे खनन माफियाओ द्वारा की गयी हत्या मान रहे थे. नेताओं ने कहा कि राजनीतिक सामाजिक कार्यकर्ता का यह कर्तव्य है कि वह जनसमस्याओं से शासन प्रशासन को अवगत कराएं ताकि

न्याय मिल सके. पकरी के ग्रामीणों ने यह भी बताया कि इसके विरूद्ध भी पकरी गए भाजपा सांसद व ओबरा के भाजपा के विधायक कह रहे थे कि डीएम व एसपी से मिलने क्यों गए थे. इसलिए विपक्षी दलों के नेताओं ने मांग की है कि खनन माफिया द्वारा अंजाम दी गयी हत्या की इस पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए, हत्यारों को तत्काल गिरफ्तार किया जाये, दोषियों को दण्डित किया जाये. नेताओं ने भाजपा सांसद से कहा कि दमन और उत्पीड़न की कार्रवाई से पुलिस और प्रशासन को पीछे हटना चाहिए अन्यथा यदि यही स्थिति रही तो विपक्षी दल लोकतंत्र की रक्षा और आदिवासियों समेत आम नागरिको की सुरक्षा के लिए संयुक्त रूप से आंदोलन करने को बाध्य होंगे.