लखनऊ।
केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की सचिव विनी महाजन की अगुआई में पांच सदस्यीय दल जल जीवन मिशन की जमीनी हकीकत जानने के लिए उत्तर प्रदेश के दौरे पर है। मंगलवार को लखनऊ स्थित चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से सीधे सचिव विनी महाजन की अगुवाई में यह टीम मोहनलालगंज के उदयपुर गांव पहुंची। यहां उन्होंने हर घर नल से जल पहुंचाने की जमीनी हकीकत का जायजा लिया। क्लोरीनेशन प्लांट से लेकर ओवरहेड टैंक तक का मुआयना किया। इसके बाद जब विनी महाजन गांव की महिलाओं से मुखातिब हुईं तो उन्होंने घरों में नल से पानी पहुंचने के बाद जीवन में आए बदलाव की कहानी सुनाई।

जल जीवन मिशन ने दिलाई बीमारी से मुक्ति
मोहनलालगंज के उदयपुर गांव की महिलाओं ने एक-एक करके उन्हें बताया कि उनके लिए यह योजना सुविधाओं का खजाना है। इसके पहले उन्हें पानी लेने के लिए हैंडपंप या कुओं तक जाना होता था। गर्मियों में हैंडपंप पानी छोड़ देते थे तो भरी दोपहरी में उन्हें कुएं से पानी निकालना होता था। खुला कुआं एक तरह से बीमारी का घर था। तमाम लोगों को गर्मियों में दस्त जैसी शिकायतें हो जाया करती थीं। लेकिन अब यह घरों में आने वाला पानी शुद्ध भी है और इसके लिए अतिरिक्त मेहनत की भी जरूरत नहीं पड़ती है। उदयपुर गांव की प्रधान श्यामा देवी ने गांव में आए बदलाव की कहानी विनी महाजन और उनकी टीम को सुनाते हुए कहा कि टंकी बनने और घर तक पानी आने की यह यात्रा बेहद सुखद और आश्चर्यजनक है। उन्हें कभी यकीन ही नहीं था कि गांवों में भी नल से पानी आएगा। लेकिन यह हुआ। यह सब उन्होंने अपनी आंखों से देखा है। ज्योति ने बताया कि जब काम के लिए सड़क खोदी जा रही थी और टंकी बनने के लिए क्षेत्र की पैमाइश हो रही थी तो लोगों ने इसका विरोध किया था। लोग यह मान ही नहीं पा रहे थे कि जो दावा किया जा रहा है वह कभी पूरा भी होगा। लेकिन तब विभाग के अधिकारियों और अन्य लोगों ने भरोसा दिलाया। उनकी बातों पर किया गया विश्वास अब हकीकत बन गया है। विनी महाजन ने लोगों से पानी की आपूर्ति के बारे में भी जानकारी ली। यही नहीं, उन्होंने घरों में आए पानी की गुणवत्ता खुद यहां सप्लाई होने वाला पानी को पीकर जांची।

डिपार्टमेंट ऑफ ड्रिंकिंग वॉटर एंड सेनिटेशन के एडिशनल सेक्रेटरी और मिशन डायरेक्टर विकास शील और जल जीवन मिशन के निदेशक प्रदीप सिंह ने मोहनलालगंज के सरथुआ और सरोजनीनगर के रुदौली गांव पहुंचकर योजना की प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने भी यहां के लोगों से बातचीत की, जिसमें लोगों ने घरों में नल से पानी आने पर खुशी जाहिर की और सरकार को इसके लिए धन्यवाद दिया। साथ ही घर तक नल से साफ पानी पहुंचने से उनकी आर्थिक और सामाजिक स्थिति किस तरह से बेहतर हुई। इसे भी अधिकारियों के साथ साझा किया।

जमीनी हकीकत जाने का सिलसिला आज भी रहेगा जारी
विनी महाजन बुधवार को भी कुछ गांवों में जाकर योजना की जमीनी हकीकत जानेंगी। वह योजना की प्रगति, गुणवत्ता और इससे लोगों के जीवन में आए बदलावों को स्वयं देखना चाहती हैं।

कई और जिलों में योजना की हकीकत जान रही केन्द्रीय टीम
केन्द्रीय सचिव के अलावा केन्द्र सरकार के अधिकारियों की कई अधिकारी पहले से यूपी के अलग-अलग जिलों में हर घर नल योजना की थाह ले रहे हैं। केन्द्र सरकार की अलग-अलग टीमें राजधानी लखनऊ के अलावा बाराबंकी, सीतापुर और हरदोई समेत अन्य जिलों में पहुंचकर योजना की जमीनी हकीकत परख रहे हैं। उन्होंने हर जगह योजना के अमल में आने से लोगों के जीवन में आया बदलाव महसूस किया है। साथ ही यह भी जाना की किस तरह से लोगों के जीवन में इस योजना के जरिए बदलाव आया है।

यूपी के प्रयासों को सराहा
विनी महाजन की अगुआई में मंगलवार शाम को जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक भी हुई। इसमें केंद्रीय टीम के अलावा यूपी के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, एपीसी मनोज कुमार सिंह, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग श्रीवास्तव, जल निगम ग्रामीण के प्रबंध निदेशक डॉ़ बलकार सिंह, राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन के निदेशक बृजराज सिंह यादव समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। वहीं, जिलों के डीएम, सीडीओ व विभाग के इंजीनियर आदि इस वर्चुअली बैठक में शामिल हुए। सबसे अधिक नल कनेक्शन देने की श्रेणी में उत्तर प्रदेश के नंबर एक राज्य बनने पर विनी महाजन ने यूपी के अधिकारियों की तारीफ की। उन्होंने हर घर जल पहुंचने से बुंदेलखंड में आए परिवर्तन और वहां हो रहे काम की निरंतर प्रगति पर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि देश भर में चल रही जल जीवन मिशन की हर घर नल से जल योजना में उत्तर प्रदेश एक रोल मॉडल बनकर सामने आया है। यूपी ने चार साल में जल जीवन मिशन में बड़े मुकाम तय किए हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 15 अगस्त 2019 तक केवल 5.16 लाख (2 प्रतिशत) ग्रामीण परिवारों तक ही पेयजल की उपलब्धता थी। जबकि बड़ी आबादी होने के बावजूद यूपी ने मात्र चार सालों में आज के दिन तक (10 अक्टूबर 2023) एक करोड़ 69 लाख (64.45 प्रतिशत) से अधिक ग्रामीण परिवारों तक नल से जल पहुंचा दिया है। यही नहीं यूपी ही ऐसा राज्य है जहां कुल गांव की संख्या 96,296 है और इनमें से 25,853 गांव में 100 प्रतिशत नल कनेक्शन दे दिये गये हैं। ये गांव हर घर जल गांव की श्रेणी में आ चुके हैं।