लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार कोरोना योद्धाओं से अभद्रता और लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त सजा के प्रावधान के लिए एक अध्यादेश लाने पर विचार कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि राज्य सरकार ‘उत्तर प्रदेश महामारी नियंत्रण अध्यादेश 2020’ लाने पर विचार कर रही है। उन्होंने बताया कि इस अध्यादेश में कोरोना वायरस महामारी के बीच आवश्यक सेवाएं प्रदान कर रहे चिकित्सा एवं सफाई कर्मियों, पुलिसकर्मियों समेत तमाम ‘कोरोना योद्धाओं’ से अभद्रता और लॉकडाउन का उल्लंघन करने, सार्वजनिक स्थलों पर थूकने और पृथक-वास केंद्रों से भागने वालों के खिलाफ सख्त सजा के प्रावधान होंगे। सूत्रों ने बताया कि इस अध्यादेश के तहत उल्लंघनकारियों को 7 साल तक की कैद की सजा और ₹पांच लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किए जाने की योजना है। इस अध्यादेश का मकसद स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिस बल समेत कोविड-19 महामारी से बचाव में सहयोग कर रहे लोगों को सुरक्षा प्रदान करना है। केंद्र सरकार ने भी हाल में इसी तरह की पहल की है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने का निर्देश दोहराते हुए मंगलवार को कहा था कि हर जिले में 15 हजार से 25 हजार क्षमता के पृथक केन्द्र तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए । योगी ने कहा, ”सामाजिक दूरी पर विशेष ध्यान दिया जाए। पुलिस द्वारा नियमित तौर पर गश्त की जाए। यह भी सुनिश्चित किया जाए कि संक्रमित क्षेत्रों में केवल स्वास्थ्य, सफाई तथा होम डिलीवरी से जुड़े कर्मी ही जाएं। संक्रमित क्षेत्रों में सभी घरों को संक्रमणमुक्त किया जाए ।” मुख्यमंत्री यहां लोकभवन में एक उच्चस्तरीय बैठक में लॉकडाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज से वापस भेजे जा रहे प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए। वाराणसी, हापुड़, रामपुर, मुजफ्फरनगर तथा अलीगढ़ में वरिष्ठ प्रशासनिक, पुलिस एवं स्वास्थ्य अधिकारी भेजे जाएं।

उन्होंने कहा कि ग्रीन जोन तथा ओरेंज जोन में अनुमन्य की जाने वाली गतिविधियों के लिए एक कार्य योजना बनायी जाए। महिला स्वयं सहायता समूहों को मास्क आदि के निर्माण कार्य से जोड़ा जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि प्रत्येक जिले में 15,000 से 25,000 क्षमता के पृथक केन्द्र तथा आश्रय स्थल की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।योगी ने निर्देश दिये कि दूरभाष पर मरीजों को परामर्श देने वाले डॉक्टरों की सूची का व्यापक प्रचार-प्रसार कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में बड़ी मात्रा में भूसा उपलब्ध है। इसके दृष्टिगत निराश्रित गोवंश के लिए गोवंश आश्रय स्थलों पर भूसा बैंक स्थापित किया जाए। तीन मई, 2020 के पश्चात औद्योगिक इकाइयों को किस प्रकार शुरु किया जाए, इसके लिए एक कार्य योजना तैयार की जाए। प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने की कार्य योजना बनायी जाए। उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए।