टीम इंस्टेंटखबर
उम्मीदों के मुताबिक पांच राज्यों के चुनाव, विशेषकर उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले सरकार किसानों को संतुष्ट करने में सफल रही और किसान संगठनों ने आज आंदोलन स्थगित करने का एलान कर दिया।

इसी के साथ करीब 378 दिनों से चल रहा किसान आंदोलन खत्म हो गया, जिसमें 700 से ज्यादा किसानों की मौत हो गई थी। संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठक के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि अमृतसर में स्वर्ण मंदिर में किसान यूनियन जीत का आशीर्वाद लेगी और 15 जनवरी 2022 को संयुक्त किसान यूनियन की फिर से एक बैठक होगी।

पंजाब के किसान नेताओं ने 13 दिसंबर को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में मत्था टेकने की योजना बनाई है। केंद्र ने कल संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय समिति को एक लिखित मसौदा प्रस्ताव भेजा था, जिसमें संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से पीएम मोदी को 21 नवंबर के पत्र में छह मांगों को सूचीबद्ध किया गया था।

दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता गुरनाम सिंह चारुनी ने कहा, ”हमने अपना आंदोलन स्थगित करने का फैसला किया है। हम 15 जनवरी को एक समीक्षा बैठक करेंगे। अगर सरकार अपने वादों को पूरा नहीं करती है, तो हम अपना आंदोलन फिर से शुरू कर सकते हैं।”

इससे पहले केंद्र सरकार ने संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) को एक आधिकारिक पत्र भेजा, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य वापस लेने के मामलों पर तुरंत निर्णय लेने के लिए एक समिति बनाने का वादा किया गया है।

इनमें से प्रमुख मांग एमएसपी पर प्रस्तावित समिति है, जहां किसानों ने अपने प्रतिनिधियों को शामिल करने की मांग की। पत्र से पता चला कि केंद्र इस पर राजी हो गया है।

सरकार के पत्र की मुख्य बातें

  • सरकार MSP की गारंटी पर समिति बनाएगी जिसमें SKM से किसान नेता शामिल होंगे
  • देश भर में हुए किसानों पर मुक़दमे वापस होंगे
  • सरकार मृत किसानों को मुआवज़ा देगी
  • बिजली बिल को सरकार SKM से चर्चा करने के बाद संसद में लाएगी
  • पराली जलाने पर किसानों पर कार्यवाही नहीं होगी