अशोक बाम्बी

मैक्सवेल ने जो पारी कल खेल दी उसकी तो कल्पना भी नहीं की जा सकती । मैंने एक दिवसीय क्रिकेट के इतिहास में आज तक किसी को इतनी ताबड़तोड़ पारी खेलते हुए नहीं देखा है वह भी एक खिलाड़ी जो की बुरी तरीके से घायल था। कपिल देव ने भी जिम्बाब्वे के खिलाफ ऐसी ही पारी 1983 के विश्व कप मे खेली थी लेकिन अफ़सोस है कि उसकी कोई वीडियो रिकार्डिंग नही है।

कल का दिन मैक्सवेल का था और जहां उनका भाग्य ने साथ दिया लेकिन आखिरकार अंत मे उन्होंने अपने को एक क्रिकेट का महान योद्धा साबित कर दिया। वे बल्ले रूपी तलवार इस तरह चला रहे थे जिस तरह से एक घायल योद्धा अकेले अपने दम पर बीसियों सैनिको के सर कलम कर रहा हो। जिस समय ऑस्ट्रेलिया के 91 रन पर 7 विकेट गिर चुके थे किसी ने कल्पना भी नहीं करी थी की ऑस्ट्रेलिया यह मैच जीत जाएगा । लेकिन जिस तरीके से मैक्सवेल ने दृढ़ निशितता का परिचय दिया उसकी जितनी तारीफ की जाए कम है । कप्तान कमिंस ने भी उनका बखूबी साथ दिया।एक समय ऐसा लग रहा था कि अफगानिस्तान की टीम यह मैच कम से कम 150 रन से जीतेगी लेकिन मैक्सवेल ने जहां उनकी सेमीफाइनल में पहुंचने की आशाओं पर पानी फेर दिया वही दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों व दर्शकों को यह फिर से एक बार जाता दिया कि क्रिकेट का खेल आखरी दम तक लड़ा जा सकता है और जीता जा सकता है बस आप मे द्रणता होनी चाहिए

अफगानिस्तान की टीम बेहतरीन क्रिकेट खेल रही है और जिस प्रकार से उन्होंने पिछले तीन मैच जीते वे इस मैच में भी लगभग जीत दर्ज कर चुके थे । उनका सेमी फाइनल में पहुंचना लगभग निश्चित था लेकिन मैक्सवेल ने उनकी आशाओं पर पानी फेर दिया। यह तय है कि आने वाले समय में अफगानिस्तान की टीम एकदिवसीय व T-20 क्रिकेट में अपना जौहर दिखाएगी और शीर्ष टीमों उनसे यदि हार भी मिलती है तो किसी को आश्चर्यचकित नहीं होना चाहिए।

ऑस्ट्रेलिया का इस जीत के साथ सेमीफाइनल में पहुंचना तय हो गया है । अब न्यूजीलैंड ,पाकिस्तान व अफ़गानिस्तान चौथे स्थान के लिए भाग्य के सहारे रहेंगे क्योंकि यह पूर्ण आशा है की चौथी टीम की भरपाई रन रेट के आधार पर होगी । यह बात अलग है कि अगर न्यूजीलैंड की टीम श्रीलंका को पराजित कर देती है तो पाकिस्तान वह अफगानिस्तान को अपना बोरिया बिस्तर समेट कर घर जाना पड़ेगा।