लखनऊ
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने दावा किया है कि पिछले दिनों वरिष्ठ कांग्रेस नेता और कांग्रेस की तरफ से गठबंधन के सहयोगियों से बात करने के लिए अधिकृत सलमान खुर्शीद से मिलने गए मौलानाओं के प्रतिनिधिमण्डल के कुछ लोगों से एलआईयू ने फोन कर पूछताछ की है। इसे उन्होंने सरकारी गुंडागर्दी बताया है।

जारी प्रेस विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर के 2 दर्जन मौलाना लोकसभा चुनाव के संदर्भ में विभिन्न मुद्दों पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता को अपने सुझाव देने गए थे। जो कि किसी भी पार्टी के चुनावी गतिविधि का एक अहम हिस्सा होता है। डेलिगेशन ने शिक्षा बजट बढ़ाने, बेरोजगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार देने के मुद्दे को घोषणापत्र में शामिल करने के साथ ही यह भी सुझाव दिया था कि इंडिया गठबंधन में सपा, रालोद के साथ ही बसपा को भी शामिल करना चाहिए। उन्होंने इस संदर्भ में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खड़गे जी और सोनिया गाँधी जी से भी मिलने का समय मांगा था और अपने स्तर पर बसपा प्रमुख मायावती जी से भी संपर्क करने की बात कही थी जो मीडिया में प्रकाशित भी हुई।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि डेलिगेशन के 6 सदस्यों से एलआईयू ने फोन करके इस मीटिंग के संदर्भ में पूछताछ की। जिसमें यह सवाल भी था कि वो गठबंधन को लेकर ऐसी पहल क्यों कर रहे हैं।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अगर सरकार या प्रशासन के खिलाफ़ कोई धरना-प्रदर्शन करे या कोई ज्ञापन दे तो एलआईयू का फोन करना या पूछताछ करना समझ में भी आता है। क्या योगी सरकार आम नागरिकों के विपक्षी दलों के नेताओं से मिलने, सुझाव देने या गठबंधन पर अपनी राय देने पर रोक लगाना चाहती है।