दर्जनो गांव घिरे, हजारो एकड़ फसल जलमग्न, लोग पलायन को मजबूर

रिपोर्ट- रमेश चन्द्र गुप्ता

बहराइच 30 जुलाई। दो दिनो में सरयू, शारदा व गिरिजापुरी बैराजो से करीब सात लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से घाघरा नदी उफनाने लगी है। अचानक घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से 50 सेमी. ऊपर आने के बाद बाढ़ प्रभावित इलाको में अफरा-तफरी मची है और लोग सुरक्षित स्थानो की ओर पलायन कर रहे है।

प्राप्त सूचना के अनुसार पड़ोसी देश नेपाल के पहाड़ी इलाको में हो रही भारी बरसात से मैदानी इलाको मे बहने वाली शारदा, सरयू व घाघरा नदियो ने विकराल रूप धारण कर लिया है। बुधवार को सरयू, शारदा व गिरिजापुरी बैराज से करीब 3 लाख 38 हजार क्यूसेक तथा गुरूवार को करीब 3 लाख 71 हजार क्यूसेक पानी घाघरा मे छोड़ा गया और दो दिनो मे 7 लाख क्यूसेक पानी आने के बाद घाघरा उफनाने लगी और अचानक जल स्तर बढ़ने से तटबंध और नदी के बीच बसे गांव में पानी भरने लगा।

महसी तहसील के पचदेवरी, मांझा दरियाबुर्द, गोलागंज, कायमपुर, सिलौटा, जोगापुरवा, छत्तरपुरवा, जोगापुरवा, रानीबाग, तारापुरवा, नौबस्ता, लोनियनपुरवा, सेमरही, मंगलपुरवा, तुलापुरवा आदि गांव में बाढ़ का पानी घुसने से अफरा-तफरी मच गई। इन गांवो में एक से तीन-चार फुट तक जलभराव हो गया और हजारो एकड़ फसल पानी में डूब गई। क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक सम्पर्क मार्गो पर बाढ़ का पानी हिलोरे ले रहा है। बौण्डी क्षेत्र में बौण्डी गांव का ग्राम सचिवालय, बौण्डी थाना, पशु चिकित्सालय, होम्योपैथिक चिकित्सालय आदि बाढ़ के पानी से घिरे है।

अचानक घाघरा का जलस्तर बढ़ने के बाद अपर जिलाधिकारी जय चन्द पाण्डेय ने बाढ़ प्रभावित जोगापुरवा, सिलौटा, गोलागंज, कायमपुर, पिपरी आदि गांव का दौरा किया और तहसीलदार समेत राजस्व कर्मियो को सतर्क रहने के साथ नाव की व्यवस्था और तिरपाल व लंच पैकेट आदि की मुकम्मल व्यवस्था करने के निर्देश दिये। बाढ़ प्रभावित इलाको के ग्रामीण घर-गृहस्थी के सामान के साथ सुरक्षित स्थानो व तटबंध की ओर पलायन करने लगे।