पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी एक और चुनावी घोषणा को अमली जामा पहनाते हुए बिजली विभाग को नवंबर 2017 तक बिहार के हर घर को मुफ्त बिजली कनेक्शन उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री के इस आदेश के साथ ही बिजली विभाग ने विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री की सहमति मिलने बाद इस बाबत विधिवत आदेश जारी हो जाएगा। इससे पहले नीतिश कुमार राज्य में शराबबंदी की घोषणा कर चुके हैं। गौरतलब है कि चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने जनता से 7 वादे किए थे, जिनमें लोगों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने का वादा भी शामिल है।

शुक्रवार को एक अधिकारी ने बताया कि कनेक्शन तो फ्री होगा, लेकिन खर्च की गई बिजली के पैसे देने होंगे। सरकार को अनुमान है कि इस प्रॉजेक्ट पर 1,500 से 1,800 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अभी बिहार के 39,073 गांवों में बिजली पहुंचाई जानी है। नवंबर 2005 में राज्य के शहरी इलाकों में औसतन पांच से छह और ग्रामीण इलाकों में औसतन दो से तीन घंटे बिजली रहती थी। लेकिन, साल 2015 में ये औसत बढ़कर क्रमश: 22 से 24 घंटे और 15 से 16 घंटे हो गए।

मौजूदा नियम के अनुसार लोगों को कनेक्शन लेने के लिए शुल्क देना होता है। दीनदयाल उपाध्याय ज्योति ग्राम योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन गुजर-बसर कर रहे बीपीएल परिवार को मुफ्त में बिजली कनेक्शन दिया जा रहा है। सीएम के निश्चय के तहत बीपीएल हो या एपीएल, सबों को मुफ्त में बिजली कनेक्शन मिलना शुरू हो जाएगा।

विभागीय सूत्रों के अनुसार लोगों को एक किलोवाट क्षमता तक का कनेक्शन मुफ्त दिया जाएगा। कनेक्शन के बाद अगर कोई अपने घर के बिजली उपकरणों के अनुसार लोड बढ़वाना चाहेंगे तो उन्हें कंपनी की ओर से तयशुदा शुल्क देना पड़ सकता है।

लोगों को मुफ्त बिजली कनेक्शन देने के लिए राज्य सरकार को कैबिनेट से मंजूरी लेनी होगी। लोगों से वसूले जाने वाले कनेक्शन शुल्क को माफ करने के लिए कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कराया जाएगा। ऊर्जा विभाग के आदेश पर बिजली कंपनी प्रस्ताव तैयार करने में जुट गई है। शीतकालीन सत्र के बाद ऊर्जा विभाग इस प्रस्ताव को कैबिनेट में ले जाएगा। इसमें लोगों को मुफ्त कनेक्शन देने के बाद मद में खर्च होने वाली राशि को सरकार बिजली कंपनी को अनुदान के रूप में भुगतान करेगी।