अस्ताना: भारत और कजाखस्तान ने आज पांच महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किये जिनमें सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए रक्षा समझौता और यूरोनियम की आपूर्ति का अनुबंध शामिल है। दोनों देशों के बीच ये समझौते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कजाख राष्ट्रपति नूरसुल्तान नजरबायेव के बीच समग्र वार्ता के बाद हुए जिसमें इन्होंने आतंकवाद और चरमपंथ के खिलाफ लड़ाई में सक्रियता से सहयोग कारने का निर्णय किया।

मोदी ने नजरबायेव के साथ सीमित लोगों की वार्ता के साथ शिष्टमंडल स्तरीय चर्चा भी की। मोदी ने कहा कि दोनों ने भारत और हाइड्रोकार्बन की प्रचुरता वाले कजाखस्तान के बीच ढांचागत अवरोधों को द्विपक्षीय व्यापार के विस्तार से दूर करने की दिशा में करीबी सहयोग पर भी सहमति व्यक्त की।

नजरबायेव के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘ हमने कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया जिसमें क्षेत्रीय शांति, कनेक्टिविटी, समन्वय, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई शामिल है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच सामरिक गठजोड़ रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग का महत्वपूर्ण आयाम है। उन्होंने कहा, ‘हम दोनों इसे मजबूत बनाना चाहते हैं जिसमें रक्षा विनिर्माण शामिल है। हम रक्षा सहयोग के क्षेत्र में नये सहमति पत्र का स्वागत करते हैं।’ इस सहमति पत्र से द्विपक्षीय रक्षा सहयोग का दायरा और व्यापक होगा जिसमें नियमित आदान प्रदान यात्राएं, विचार विमर्श, सैन्य कर्मियों का प्रशिक्षण, सैन्य तकनीकी सहयोग, संयुक्त अभ्यास, संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा अभियानों में सहयोग, विशेष बलों का आदान प्रदान आदि शामिल है।

मोदी ने एनसी ‘काजएटमप्रोम’ जेएससी और एनपीसीआईएल के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किये जाने का स्वागत किया जो उर्जा संबंधी भारत की जरूरतों को पूरा करने के लिए नवीकृत दीर्घावधि के लिए प्राकृतिक यूरेनियम की आपूर्ति से संबंधित है। उन्होंने कहा, ‘ कजाखस्तान उन पहले देशों में शामिल है जिसके साथ हमने यूरेनियम की खरीद के अनुबंध के जरिये असैन्य परमाणु सहयोग किया है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘ हम अब दूसरे और वृहद अनुबंध करने से खुश है। हम अन्य खनिजों के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ाने का इरादा रखते हैं।’