नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में दो दिनों में 10 नवजात शिशुओं की अचानक मौत होने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेहद असंवेदनशील बयान दिया है।

उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि प्रदेश के हर अस्पताल में हर रोज 3-4 मौतें होती हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा 'पिछले 6 वर्षों में इस वर्ष कम से कम मौतें हुई हैं। यहां तक कि 1 बच्चे की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है। लेकिन पिछले साल 1500,1300 मौतें हुईं थी, इस साल यह आंकड़ा 900 है। राज्य और देश में हर अस्पताल में हर रोज कुछ मौतें होती हैं। इसमें कुछ भी नया नहीं है।'

सीएम ने कहा कि इसके लिए उन्होंने जांच कराई है और एक्शन भी लिया गया है। मालूम हो कि कोटा के जेकेलोन मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में दस नवजात बच्‍चों की अचानक मौत हो गई थी। इस महीने इसी अस्पताल में 77 बच्चों की मौत हो चुकी है।

इस विषय की जांच-पड़ताल कराने और आवश्यक मेडिकल इंतजाम करने का अनुरोध को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सीएम को चिठ्ठी भी लिखी है। बिरला ने कहा कि कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में स्थित जेके लोन अस्पताल में शिशुओं की असमय मौत सभी के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस बड़े अस्पताल में योग्य चिकित्साकर्मियों और जीवन रक्षक उपकरणों के अभाव के चलते हर साल 800 से 900 शिशुओं और 200 से 250 बच्चों की मौत हो जाती है।