ई दिल्ली: टीएमटी बार रिटेल सैगमेंट में भारत की सबसे बड़ी विनिर्माता एवं विक्रेता कामधेनू लिमिटेड ने 31 मार्च 2019 को समाप्त तिमाही एवं वि.व. के आॅडिटेड वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं। निदेशक बोर्ड ने 10 रुपए प्रति शेयर की फेस वैल्यू पर 10 प्रतिशत यानी 1 रुपया प्रति शेयर लाभांश देने की सिफाशि की है। कंपनी ने बी2बी ट्रेडिंग सेल्स कम की है और अपनी खुद की मैन्युफैक्चरिंग व फ्रेंचाइज़ी आधारित बिजनेस माॅडल में सुधार किया है जिससे मर्जिन बढ़ा है और क्षमताएं बेहतर हुई हैं वि.व.18 के रु. 1180 करोड़ के मुकाबले इस बार रेवेन्यू 4 प्रतिशत बढ़कर रु. 1232 करोड़ हुआ ळें पेन्ट कारोबार का रेवेन्यू वि.व.18 के रु. 200 करोड़ से 35 प्रतिशत बढ़कर रु. 270 करोड़ हुआ है। फ्रैंचाइज़ी के जरिए राॅयल्टी आय वि.व.18 के रु. 61 करोड़ से 37 प्रतिशत बढ़कर रु. 84 करोड़ हुई है। कर पूर्व लाभ वि.व. 18 के रु. 24 करोड़ से 43 प्रतिशत बढ़कर रु. 35 करोड़ हुआ है। कर पश्चात् लाभ वि.व.18 रु. 16 करोड़ से 43 प्रतिशत बढ़कर रु. 22 करोड़ हुआ है।स्टील कारोबार ने रेवेन्यू में 78 प्रतिशत का और पेन्ट डिविजन ने 22 प्रतिशत का योगदान दिया है।

वित्तीय परिणामों व प्रदर्शन पर कंपनी के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर श्री सतीश कुमार अग्रवाल ने कहा, ’’31 मार्च 2019 को समाप्त वि.व. में हमारा प्रदर्शन हमारी अपेक्षाओं के मुताबिक रहा। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है की निदेशक बोर्ड ने 10 रुपए की फेस वैल्यू वाले प्रत्येक शेयर पर 10 प्रतिशत यानी 10 रुपए लाभांश देने की सिफारिश की है। इस साल हमने अपनी लाभकारिता में सुधार किया है और 43 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है जो रु. 22 करोड़ बनती है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकी हमने सोच समझ कर रणनीति बदली और बी2बी ट्रेडिंग सेल्स को घटाया है। हमारा फोकस अपनी मैन्युफैक्चरिंग व फ्रैंचाइज़ी आधारित बिजनेस माॅडल की वृद्धि पर रहा जिससे मार्जिन बढ़े व बेहतर क्षमताएं आईं। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है की वि.व19 में कामधेनू ब्रांड की बिक्री 12000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर गई जो की बीते वि.व. के मुकाबले 49 प्रतिशत की वृद्धि है वि.व.18 में 8072 करोड़ की बिक्री दर्ज की गई थी। हमारी राॅयल्टी आय में ठोस इजाफा हुआ, इस वि.व. 37 प्रतिशत बढ़कर यह रु. 84 करोड़ रही है। अपने विस्तृत वितरण एवं विपणन नेटवर्क के बल पर हम अपने ब्रांड को व्यापक स्तर पर पहुंचा पाए। कंपनी का लक्ष्य 2020 तक राॅयल्टी आय को 100 करोड़ के पार ले जाना है। इसके साथ ही हम उम्मीद कर रहे हैं की फ्रैंचाइज़ी क्षमता जोड़ें तथा वि.व.22 तक अपनी क्षमता 50 मीट्रिक टन प्रति वर्ष कर दें।