लखनऊ: आरएसएस के निर्देशन में चल रही भाजपा की सरकार ने देश की सभ्यता और संस्कृति पर हमला किया है। यह ज्ञान विरोधी, विज्ञान विरोधी और तर्क विरोधी है। इसने संस्थाओं को नष्ट किया है और लोकतंत्र के लिए गहरा खतरा उत्पन्न कर दिया है। इस सरकार ने जनता और जनांदोलन में लगे हुए लोगों पर मजबूती से काले कानूनों को लगाया है और असहमति के अधिकार को कुचला है। इसलिए भाजपा को हराना राष्ट्रीय कर्तव्य है। इसके लिए पूरी ताकत से आने वाले लोकसभा चुनाव में उतरना है। यह बातें ५ फरवरी को लखनऊ में आयोजित बैठक में स्वराज अभियान की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य अखिलेन्द्र प्रताप सिंह ने कहीं।

उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में जनता के आर्थिक सवाल आए हैं। देश के प्रमुख राजनीतिक दलों द्वारा जनता को राहत देने के लिए कुछ पैसा देने की बात हो रही है जो स्वागत योग्य है लेकिन इन दलों को जनता को बताना चाहिए कि इसके लिए धन कहां से आयेगा। उन्होंने कहा कि जैसे-तैसे किसानों के या आम गरीबों के खातें में कुछ पैसा डाल देने की जगह वह सम्पूर्ण पूंजी खेती किसानी व ढांचागत विकास में लगाई जाती तो इससे किसानों समेत गरीबों का भला होता। उन्होंने कहा कि भाजपा जैसी ही जनविरोधी नीतियों को कांग्रेस समेत क्षेत्रीय दलों की सरकारों ने भी लागू किया है। इसलिए भाजपा को हराने के साथ साथ लोकसभा चुनाव में जनमुद्दों पर स्वतंत्र राजनीतिक अभियान भी चलाना चाहिए और उन सभी ताकतों को गोलबंद करना चाहिए जो किसी गठबंधन व महागठबंधन का हिस्सा बनने की जगह जनपक्षधर राजनीति के लिए स्वतंत्र रूप से काम करना चाहती हैं। बैठक की अध्यक्षता नसीम खाऩ व संचालन एस० आर० दारापुरी ने किया।

बैठक में पांच राजनीतिक प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए जिन्हें आगामी लोकसभा के चुनाव में प्रमुख राजनीतिक मुद्दा बनाने का फैसला लिया गया। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि इन राजनीतिक प्रस्तावों पर भाजपा को हराने में लगे कांग्रेस समेत क्षेत्रीय दलों से भी उनका रूख स्पष्ट करने के लिए कहा जायेगा।
देश में बढ़ रही आर्थिक असमानता पर पहला राजनीतिक प्रस्ताव इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लाल बहादुर सिंह ने रखा जिसमें कहा गया कि भारत के 9 अमीरों के पास देश की कुल सम्पत्ति का आधा हिस्सा है. बैठक में देश में बढ़ रही आर्थिक असमानता पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इसे समाप्त करने और राष्ट्रीय संसाधनों व आम जनता की आमदनी बढ़ाने के लिए कारपोरेट पर सम्पत्ति कर, उत्तराधिकार कर जैसे करों को लगाने की जरूरत महसूस की गयी। प्रस्ताव में आय से अधिक सम्पत्ति अर्जन करने वाले मंत्रियों एवं अधिकारियों जैसे राज्य से गैरकानूनी ढंग से लाभ कमाने वाले लोगों की नामी-बेनामी सम्पत्ति जब्ज करने और इससे अर्जित धन को रोजगार सृजन, कृषि, शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च करने की मांग की गयी।

बैठक में सुप्रसिद्ध दलित चिंतक आनंद तेलतुल्बड़े समेत मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा व सुधा भारद्वाज की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करते हुए असहमति के अधिकार की रक्षा व आफ्सा, राजद्रोह, यूएपीए, यूपीकोका जैसे काले कानूनों को समाप्त करने का प्रस्ताव पूर्व आईo जीo व जन मंच के संयोजक एसo आरo दारापुरी ने रखा। हाईकोर्ट के अधिवक्ता नीतिन मिश्रा ने भाजपा सरकार द्वारा चुनाव बांड़ के जरिए राजनीतिक दलों को चुनावी चंदा देने के लिए वित्त विधेयक के जरिए किए संशोधन के विरूद्ध प्रस्ताव रखते हुए कहा कि यह व्यवस्था भ्रष्टाचार को संस्थाबद्ध करेगी और इससे पूरी राजनीतिक प्रणाली के लिए गहरा संकट खड़ा हो जायेगा। बैठक में इसे समाप्त करने और कम्पनियों से प्राप्त चंदे को भी सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध कराने की मांग की गयी। बैठक में वर्तमान चुनाव प्रणाली ‘जो सबसे आगे वही जीता‘ में बदलाव कर सामानुपातिक प्रणाली के जरिए संसद व विधानसभाओं में सीटों के आवंटन का प्रस्ताव सामाजिक कार्यकर्ता गोपाल कृष्ण ने रखा। बैठक में नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हुए रखे प्रस्ताव में कहा गया कि यह आरएसएस के कट्टर दृष्टिकोण पर आधारित भाजपा का प्रयास पूरे तौर पर देश और खासतौर पर उत्तर पूर्व की संरचना को बदलने वाला हिन्दुत्व की राह पर देश को ढकेलने वाला राष्ट्रदोही कदम है। बैठक में इसे राज्यसभा में पेश न करने और तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग की गयी। बैठक में इन प्रस्तावों का बड़ी संख्या में पम्फ्लेट छपवा कर बांटने का निर्णय लिया गया। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि यदि साथियों का व्यापक समर्थन प्राप्त हो और वे क्षेत्र में आ कर प्रचार करने के लिये हो तैयार हों तो एस.आर.दारापुरी को राबर्ट्सगंज (सोनभद्र) से लोकसभा चुनाव लड़ाने पर विचार किया जा सकता है। बैठक में 9 मार्च को लखनऊ में स्वराज अभियान द्वारा राफेल के भ्रष्टाचार व अन्य जन मुद्दों पर आयोजित हो रहे सम्मेलन को सफल बनाने का निर्णय लिया गया।