लखनऊ: लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के रिकार्ड रूम में शुक्रवार देर रात आग लग गई। बताया जा रहा है कि रिकार्ड रूम में कई महत्वपूर्ण फाइलें रखी हुई थीं। हालांकि एलडीए प्रशासन ने अभी इन महत्वपूर्ण फाइलों के नुकसान की पुष्टि नहीं की है। आग एलडीए मुख्यालय स्थित चौथी मंजिल पर रिकॉर्ड रूम में लगी थी।

सूत्रों ने बताया कि अफसरों को देर रात इस बारे में सूचित किया गया था। जिसके बाद गुपचुप तरीके से आग बुझवाई गयी। शासन स्तर पर भी अधिकारियों को सूचित नहीं किया गया। अब शासन के आलाधिकारी इस पर अपनी नज़रें जमाए हैं। एक उच्च अधिकारी ने कहा कि आग संदिग्ध परिस्थिति में लगी है। इस पूरे प्रकरण की जांच करवाई जाएगी। दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

रिकार्ड रूम में करीब पांच हज़ार करोड़ रुपये के आय-व्यय से सम्बंधित दस्तावेज़ राख होने की बात कही जा रही है। इसमें कई कंप्यूटर भी जले हैं। इस आग की घटना को संदिग्ध इसलिए भी माना जा रहा है, क्योंकि एलडीए में डिजिटलाइज़ेशन के नाम पर भी करोड़ों रुपये खर्च हुए, लेकिन आधा काम भी पूरा नहीं हुआ है। आठ सालों में समायोजन से सम्बंधित मामलों की जांच चल रही थी। इन फाइलों में ही 500 करोड़ रुपये के आय और व्यय की जानकारी थी।

इससे पहले भी सफाई के नाम पर लालबाग ऑफिस और गोमती नगर ऑफिस में हज़ारों फाइलों को स्वाहा कर दिया गया था। उस समय इसके पीछे सफाई का हवाला दिया गया था। आरोप है कि उस दौरान कई आवंटियों की फाइलें भी स्वाहा कर दी गई और मूल आवंटी आज भी एलडीए दफ्तर के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

इसे संयोग कहें या साजिश, फिलहाल कई सरकारी दरफ़्तरों में आग लगने के लिए छुट्टी का दिन ही हर बार सामने आया है। कई बड़ी आग छुट्टी के दिन लग चुकी है। स्वास्थ्य भवन, शक्ति भवन, जवाहर भवन या फिर बापू भवन, इन सभी जगह आग छुट्टी के दिन ही लगी हैं।
एलडीए जनसंपर्क अधिकारी अशोक पाल सिंह ने बताया कि करीब अलसुबह 3:45 बजे पर आग लगने की सूचना मिली थी। एलडीए के सुरक्षा कर्मियों ने 4:30 बजे तक आग पर फायर एक्सटीन्गुइशर से काबू पा लिया था। फायर ब्रिगेड को भी इस बाबत सूचना दी गयी थी। आग से ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ है। सिर्फ कुछ चीज़ें जली हैं। उनका कहना है कि चौथे मंज़िल के एक कमरे में आग लगी थी और रिकॉर्ड रूम सुरक्षित है।

एलडीए में शुक्रवार रात को रिकार्ड रूम में लगी आग में 45 मिनट में यहां रखी फाइलें जल कर राख हो गईं। एलडीए के वीसी प्रभु एन सिंह का कहना है कि उन्होंने आग के कारणों का पता लगाने के लिए दो सदस्यीय दल जांच के लिए गठित किया है। उनका कहना है कि जो फ़ाइल जली हैं उनका रिकॉर्ड सुरक्षित है।

गौर करने वाली बात यह है कि ये आग ठीक तब लगी जब सीएजी ने एलडीए से हाल ही में पिछली सरकारों में मिले मुआवजे और समायोजन से सम्बंधित कई दस्तावेज़ तलब किये थे। सूत्रों ने बताया कि अफसरों को देर रात सूचित किया गया था जिसके बाद गुपचुप तरीके से आग बुझवाई गयी है।

एलडीए कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष शिव प्रताप सिंह ने कहा कि एलडीए के कई अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। अपने काले कारनामों को छुपाने के लिए सुनियोजित तरह से आग लगाई जा सकती है। ये जांच का विषय है।