नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि यदि कर स्तर भविष्य में 'रेवेन्यू न्यूट्रल प्लस' पर पहुंच जाता है, यानी तय सीमा से अधिक राजस्व आता है तो वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के स्लैब घटाए जा सकते हैं.

जेटली ने नेशनल एकेडमी ऑफ कस्टम्स, इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड नारकोटिक्स (एनएसीआईएन) के स्थापना दिवस के मौके पर यह बयान दिया. जेटली के मुताबिक, मौजूदा जीएसटी प्रणाली के कर स्लैब तभी घटाए जाएंगे, जब राजस्व निर्धारित सीमा से अधिक आएगा. गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने एक जुलाई से देशभर में सभी अप्रत्यक्ष करों के स्थान पर एक नई कर प्रणाली जीएसटी लागू की है.

जेटली ने कहा, ‘‘हमारे पास इसमें दिन के हिसाब से सुधार करने की गुंजाइश है. हमारे पर सुधार की गुंजाइश है और अनुपालन का बोझ कम किया जा सकता है. खासकर छोटे करदाताओं के मामले में.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास सुधार की गुंजाइश है. एक बार हम राजस्व की दृष्टि से तटस्थ बनने के बाद बड़े सुधारों के बारे में सोचेंगे. मसलन कम स्लैब. लेकिन इसके लिए हमें राजस्व की दृष्टि से तटस्थ स्थिति हासिल करनी होगी.’’