नई दिल्ली स्थित जमीयत उलेमा-ए-हिंद मुख्यालय में एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने देश की अत्यंत संवेदनशील वर्तमान स्थिति और बढ़ती विभाजनकारी, नफ़रत फैलाने वाली राजनीति पर विस्तृत रूप से रौशनी डाली उन्होंने देश की सामाजिक एकता की रक्षा करने और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए एकता, न्याय और ज़िम्मेदार नेतृत्व की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने आगे कहा कि धर्म के आधार पर लोगों को बांटना देश को कमजोर करता है। मौजूदा हालात को देखते हुए, हमें कहना पड़ता है कि कुछ सांप्रदायिक ताकतें इस्लाम और मुसलमानों—दोनों को निशाना बनाने पर तुली हुई हैं। लेकिन शायद उन्हें यह नहीं पता कि इस्लाम का यह दीया कभी बुझने वाला नहीं है, और इतिहास गवाह है कि जिन्होंने इसे बुझाने की कोशिश की, अंततः वे स्वयं ही मिट गए।