TRAYA ने 15 लाख लोगों को दिलाया बाल्डनेस से छुटकारा
93% सक्सेस रेशियो, लखनऊ में लांच किया ‘होप स्टोरीज़’ का पहला ऑफ़लाइन संस्करण
तौक़ीर सिद्दीक़ी
अगर कोई चीज़ आपसे खो जाय और उसके दोबारा मिलने की आस भी आप खो चुके हों, फिर उस चीज़ को दोबारा पा लेना आपके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं होता, ऐसा चमत्कार जो आपकी पर्सनालिटी से खो चुका चार्म और आत्मविश्वास आपको वापस दिलाये। एक तरह से आपके जीवन में सुनहरे दिनों की वापसी कराये। जी हाँ सिर के बालों की अहमियत क्या होती है यह तो उस इंसान से पूछिए जो अब अपने घने काले बालों को खो चुका हो, दुसरे शब्दों में गंजा हो चुका हो. ऐसे ही लोगों के लिए हेयर हेल्थ ब्रांड त्राया एक उम्मीद लेकर आया है जो खान पान में संतुलन बनाकर और आयुर्वेदा को औज़ार बनाकर एकबार फिर आपके सिर पर बालों की खेती कामयाबी से लहलहा रहा है. देश में 15 लाख से ज़्यादा बाल गँवा चुके लोगों को फिर से लहराते बाल वापस किये हैं।
अपनी कामयाबी की कहानियों को लेकर त्राया की टीम आज लखनऊ में मौजूद थी जहाँ उसने अपनी डिजिटल सीरीज़ ‘होप स्टोरीज़’ का पहला ऑफ़लाइन संस्करण लॉन्च किया। यह सीरीज़, जिसकी शुरुआत ऑनलाइन हुई थी, उन वास्तविक कहानियों को साझा करती है जिनमें लोग त्राया के उपचारों से बाल झड़ने की समस्या पर कामयाबी पाते हैं। ‘होप स्टोरीज़’ को ऑफ़लाइन लाने का मकसद ग्राहकों से और गहरा जुड़ाव बनाना है, जिसकी शुरुआत त्राया ने अपने अहम बाज़ार लखनऊ से की। इस मौके पर त्राया ने आज मीडिया से आज लाखों लोगों में से उन कुछ लोगों को मीडिया के सामने रूबरू किया जिन्होंने त्राया को अपनाया और उसके नतीजों से आज वो सभी बहुत खुश नज़र आ रहे हैं. इस मौके पर त्राया की फाउंडर सलोनी आनंद ने बताया कि त्राया होप स्टोरीज़ को लोगों के सामने लाने का मकसद बताया और कहा कि इन ऑफ़लाइन कनेक्शनों के माध्यम से हमारा उद्देश्य और अधिक ज़िंदगियां बदलना और दूसरों को प्रेरित करना है। त्राया का थ्री-साइंस अप्रोच केवल हेयर लॉस को हल करने के लिए नहीं है, बल्कि यह लोगों को उनका आत्मविश्वास वापस दिलाने और खुद से फिर से जुड़ने में मदद करने का प्रयास है।”

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में त्राया ने भारत में हेयर लॉस ट्रीटमेंट को देखने का नजरिया ही बदल दिया है। पारंपरिक रूप से इस क्षेत्र में देखभाल बिखरी हुई थी। लोगों को डर्मेटोलॉजी, आयुर्वेद या न्यूट्रिशन में से किसी एक को चुनना पड़ता था, क्योंकि एकीकृत समाधान उपलब्ध नहीं था। त्राया ने सबसे पहले एक यूनिक तीन विज्ञान दृष्टिकोण शुरू किया, जो आधुनिक डर्मेटोलॉजी, आयुर्वेदिक ज्ञान और न्यूट्रिशन सपोर्ट को एक साथ मिलाकर एक व्यक्तिगत और परिणाम-केंद्रित योजना प्रदान करता है। हर सफ़र एक साधारण ऑनलाइन हेयर टेस्ट से शुरू होता है, जो मूल कारणों की पहचान करता है। चाहे वह तनाव हो, आंतों का स्वास्थ्य, नींद का चक्र या हार्मोनल असंतुलन। इन जानकारियों के आधार पर, त्राया एक कस्टमाइज़्ड किट तैयार करता है और पूरे सफ़र में एक्सपर्ट हेयर कोच के ज़रिए लगातार मार्गदर्शन भी देता है। इस अनोखे संयोजन ने न केवल लाखों लोगों के लिए ट्रीटमेंट को सुलभ बनाया है, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में इसे तीन गुना अधिक प्रभावी भी सिद्ध किया है।
अन्य शहरों की तुलना में लखनऊ ने अलग पैटर्न दिखाए हैं। त्राया के आंतरिक शोध के अनुसार, भारत में लगभग 95% लोग बालों से जुड़ी समस्याओं के लिए कभी पेशेवर मदद नहीं लेते और सालों तक घरेलू नुस्ख़ों पर निर्भर रहते हैं, जब तक कि उन्हें कोई व्यवस्थित समाधान न मिल जाए। हालांकि, लखनऊ की खासियत यह है कि यहां के ग्राहक एक बार त्राया के साथ ट्रीटमेंट शुरू करने के बाद बेहद अनुशासित रहते हैं। यहां के यूज़र्स न सिर्फ़ लगातार ट्रीटमेंट का पालन करते हैं, बल्कि सक्रिय रूप से अपने हेयर कोचेज़ से सपोर्ट लेते हैं और अपनी योजनाओं के प्रति लंबी अवधि की प्रतिबद्धता दिखाते हैं। यही समर्पण त्राया की कुछ सबसे मज़बूत सक्सेस स्टोरीज़ में बदल गया है और पिछले 2–3 साल में लखनऊ को इसके सबसे तेज़ी से बढ़ते टियर-2 बाज़ारों में से एक बना दिया है।
भारत में हेयर हेल्थ अब स्किनकेयर और फिटनेस की तरह एक मुख्यधारा की वेलनेस चिंता के रूप में उभर रही है। बढ़ती जागरूकता और समय पर हस्तक्षेप के चलते लोग अब अस्थायी समाधानों से हटकर समग्र और रूट-कॉज़ ड्रिवन समाधानों की ओर बढ़ रहे हैं। आने वाले पांच साल में यह बदलाव और भी स्पष्ट हो जाएगा, और त्राया इस परिवर्तन की अगुवाई कर रहा है। ऐसे संवादों को आगे बढ़ाकर जो हेयर लॉस ट्रीटमेंट को सेल्फ-केयर का एक सामान्य और स्वाभाविक हिस्सा बनाने में मदद करते हैं।








