851 कृत्रिम हाथ-पैर और कैलिपर्स निशुल्क लगाए गए

मानव सेवा और दिव्यांग सशक्तिकरण के लिए समर्पित नारायण सेवा संस्थान द्वारा हैदराबाद के मिनर्वा गार्डन्स, चंपापेट में नारायण लिम्ब एवं कैलिपर्स फिटमेंट शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए 783 दिव्यांगजनों को 851 कृत्रिम हाथ-पैर और कैलिपर्स निशुल्क प्रदान किए गए।

दीप प्रज्वलन समारोह में जेसीआई ज़ोन प्रेसिडेंट चतुर्वेदी वुतुकूरु, जेसीआई बंजारा प्रेसिडेंट सुरेश मलानी, मुंबई शाखा प्रेसिडेंट महेश अग्रवाल, पिरामिड संस्थान से माधवी दंतरिका, भास्कर एवं वेणुगोपाल, संरक्षक अलका- अभय चौधरी, खुशी की अध्यक्ष मंजुला कल्याण सहित संस्थान की निदेशक वंदना अग्रवाल, ट्रस्टी देवेंद्र चौबिसा, भगवान प्रसाद गौड़, रोहित तिवारी और आश्रम प्रभारी महेंद्र सिंह रावत उपस्थित रहे।

सभी अतिथियों ने लाभांवित दिव्यांगजनों से संवाद किया, उनकी आपबीती सुनी और कृत्रिम अंगों की उपयोगिता पर संतोष व्यक्त किया। दिव्यांगजन ट्रेनिंग के बाद बैडमिंटन और फुटबॉल जैसे खेलों में भी शामिल हुए।

संस्थान की निदेशक वंदना अग्रवाल ने बताया कि “पिछले अप्रैल माह में आयोजित चयन शिविर में आए 1100 रोगियों में से 783 दिव्यांगजनों को चयनित किया गया था। आज वे सभी जर्मन टेक्नोलॉजी से बने नारायण लिम्ब और कैलिपर्स पाकर आत्मनिर्भर जीवन की नई शुरुआत कर रहे हैं।”

कार्यक्रम में दिव्यांगों ने कृत्रिम अंग पहनकर परेड की और डॉक्टर्स ने उन्हें चलने की ट्रेनिंग एवं रखरखाव संबंधी जानकारी दी। शिविर में संस्थान की 70 सदस्यीय टीम व कॉग्निजेंट कंपनी सहित 70 स्वयंसेवकों ने सेवा दी। दिनभर रोगियों व परिजनों के लिए निशुल्क भोजन की व्यवस्था रही। आभार देवेंद्र चौबिसा ने तथा संयोजन महिम जैन ने किया।

संस्थान की सेवाएँ-1985 से स्थापित नारायण सेवा संस्थान अब तक 40,000 से अधिक कृत्रिम अंग निशुल्क प्रदान कर चुका है। संस्थापक श्री कैलाश मानव को मानव सेवा कार्यों हेतु पद्मश्री अलंकरण प्राप्त हो चुका है, वहीं हाल ही में वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने उन्हें सामुदायिक सेवा एवं सामाजिक उत्थान सम्मान प्रदान किया। संस्थान के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल को भी 2023 में राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

संस्थान मेडिकल, शिक्षा, कौशल विकास एवं खेल अकादमी के माध्यम से लाखों दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाकर समाज की मुख्यधारा से जोड़ रहा है। हैदराबाद शिविर के माध्यम से संस्थान ने तेलंगाना के दिव्यांगों के जीवन को नई दिशा देने का संकल्प लिया है।