प्रति व्यक्ति एक दिन के 50 हज़ार रुपये किराय वाले गंगा विलास क्रूज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज वर्चुअली हरी झंडी दिखाई. वाराणसी के रविदास घाट से यह क्रूज अपने 31 यात्रियों को लेकर रवाना हो गया. सभी यात्री 51 दिन की यात्रा पर निकल गए हैं. इस दौरान यह क्रूज 50 जगहों से होकर गुजरेगा, जिसमें पर्यटकों को यहां की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी.

गंगा विलास क्रूज में जिम, स्पा सेंटर, लेक्चर हाउस, लाइब्रेरी जैसी फाइव स्टार होटल वाली सुविधाएँ मिलेंगी. इस जहाज को विशेष रूप से वाराणसी और गंगा बेल्ट के धार्मिक पर्यटन पर ध्यान केंद्रित करने के साथ डिजाइन किया गया है. मंगलवार को 31 स्विस मेहमानों का जत्था काशी पहुंचा और गंगा विलास क्रूज पर सवार हुआ. स्विस और जर्मन मेहमान देश के सबसे लंबे रिवर क्रूज गंगा विलास क्रूज पर सवार हुए. यह यात्रा कुल 3200 किलोमीटर की होगी. 51 दिनों की यह यात्रा भारत और बांग्लादेश की 27 नदी प्रणालियों से होकर गुजरेगी. यह यात्रा विश्व धरोहर से जुड़े 50 से अधिक स्थानों पर रुकेगी.

क्रूज उच्च तकनीक सुरक्षा, सीसीटीवी निगरानी और पूर्ण लक्जरी सुविधाओं से भी सुसज्जित है. क्रूज पर संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम, जिम आदि की सुविधाएं होंगी. क्रूज की सवारी के लिए आपको हर दिन का किराया 50000 रुपये देना होगा. यानी 51 दिन के सफर के लिए आपको 25 लाख रुपये देना होगा. यह वाराणसी से कोलकाता तक एक तरफ की सवारी या वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक की यात्रा कराएगा.