यूपी : चुनावी माहौल के बीच डाक्टर की हत्या, राज्य बीजेपी अध्यक्ष मौर्य थे पार्टनर
आसिफ मिर्जा
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद के नामी डाक्टर और जीवन ज्योति हॉस्पिटल के डायरेक्टर एके बंसल बीजेपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य के बिजनेस पार्टनर थे. पिछले कुछ दिनों से उनके रिश्ते ठीक नहीं थे. उनकी पत्नी राजकुमारी देवी भी डाक्टर बंसल के साथ पार्टनर थीं. इनके रिश्तों में पिछले करीब दो साल से काफी खटास आ गई थी. इस बीच चुनावी माहौल के बीच हुई इस वारदात की पूरी रिपोर्ट चुनाव आयोग ने तलब कर ली है. जांच के दौरान मौर्य से पूछताछ की बात से पुलिस अधिकारियों ने इनकार नहीं किया है.
डाक्टर बंसल और केशव मौर्य के रिश्ते बिगड़ गए थे
सूत्रों का दावा है कि रिश्ते बिगड़ने के बाद डाक्टर बंसल और केशव मौर्य एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे. यह अलग बात है कि दोनों ने अपने रिश्तों में आई तल्खी को कभी सार्वजानिक नहीं किया था. केशव और उनकी पत्नी राजकुमारी देवी डाक्टर बंसल के जीवन ज्योति हॉस्पिटल में पार्टनर थे. केशव ने साल 2014 के चुनावी हलफनामे में इसका जिक्र भी किया था.
महर्षि युनिवर्सिटी आफ इन्फर्मेशन टेक्नालाजी को भी चला रहे थे
केशव और डाक्टर बंसल इसके अलावा लखनऊ में महर्षि युनिवर्सिटी आफ इन्फर्मेशन टेक्नालाजी को भी चला रहे थे. दोनों ने एमओयू के ज़रिये अजय प्रकाश श्रीवास्तव से यह युनिवर्सिटी चलाने के लिए ली हुई थी. इलाहाबाद में डॉक्टर बंसल और केशव प्रसाद मौर्य के तीन अलग-अलग बैंकों में ज्वाइंट एकाउंट भी है.
दोनों के साझा बैंक एकाउंट इलाहाबाद में कई बैंकों में हैं
दोनों के साझा बैंक एकाउंट इलाहाबाद में पंजाब नेशनल बैंक की रामबाग शाखा, बैंक आफ बड़ौदा की कीडगंज शाखा और बैंक आफ इंडिया की जीरो रोड ब्रांच में हैं. हालांकि केशव प्रसाद मौर्य ने साझा तौर पर युनिवर्सिटी चलाने और इन तीनो बैंक एकाउंट का जिक्र अपने चुनावी हलफनामे में नहीं किया था.
बंसल के कुछ करीबियों ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी
केशव मौर्य के यूपी बीजेपी का अध्यक्ष बनने के बाद कथिततौर पर डाक्टर बंसल के कुछ करीबियों ने चुनाव आयोग में शिकायत कर तथ्यों को छिपाने के आधार पर उनका निर्वाचन रद्द किये जाने की मांग की थी. शिकायत में यह भी आरोप लगाया था कि केशव प्रसाद मौर्य HRD मिनिस्ट्री की संसदीय सलाहकार समिति का सदस्य रहते हुए चुपचाप यह युनिवर्सिटी चला रहे थे.
गड़बड़ियों की शिकायत के बावजूद यूजीसी जांच नहीं कर पाई
आरोप यह है कि केशव के दबाव के चलते ही तमाम गड़बड़ियों की शिकायत होने के बावजूद यूजीसी जांच नहीं कर पा रही थी. केशव मौर्य और डाक्टर बंसल लखनऊ की जिस महेश युनिवर्सिटी को चला रहे थे, पिछले साल उस युनिवर्सिटी से जुड़े कुछ हाई प्रोफ़ाइल लोगों ने नौकरी देने के नाम पर एक युवती के साथ गैंग रेप भी किया था.
युनिवर्सिटी के लिए एमओयू दो मार्च साल 2013 में साइन किया
इस मामले में इलाहाबाद के धूमनगंज थाने में युनिवर्सिटी के चांसलर अजय प्रकाश श्रीवास्तव, मैनेजर अनूप श्रीवास्तव और डिप्टी रजिस्ट्रार विनय सिंह के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी. केशव मौर्य और डाक्टर बंसल ने युनिवर्सिटी चलाने के लिए एमओयू दो मार्च साल 2013 में साइन किया था.
नाम इस्तेमाल किये बिना रियल स्टेट के कारोबार से भी जुड़े
एक आरोप यह भी है कि डाक्टर बंसल और केशव मौर्य अपने नाम का इस्तेमाल किये बिना रियल स्टेट के कारोबार से भी जुड़े थे. प्रापर्टी के विवाद में ही डाक्टर बंसल की गाड़ी पर पिछले साल इलाहाबाद के जार्ज टाउन इलाके में देसी बम से हमला किया गया था. हालांकि उस हमले में डाक्टर बंसल बाल- बाल बच गए थे.
प्रापर्टी को लेकर ही मौर्य और बंसल में विवाद
सूत्रों का दावा है कि इलाहाबाद में करोड़ों की एक प्रापर्टी को लेकर ही केशव मौर्य और डाक्टर बंसल में विवाद हो गया था. सांसद बनने के बाद केशव मौर्य डाक्टर बंसल पर दबाव बनाने लगे थे. यही वजह है कि केशव मौर्य पिछले साल जब यूपी बीजेपी के अध्यक्ष बने तो डाक्टर बंसल के करीबियों ने ही उनका क्रिमिनल रिकार्ड सार्वजनिक किया था.
एसएसपी के अगुवाई में पुलिस की चार टीमें गठित कर दी गईं
इलाहाबाद पुलिस के अफसरों का भी यही दावा है कि चैंबर में घुसकर डाक्टर बंसल की हत्या की कोई ठोस वजह फिलहाल सामने नहीं आई है. एसएसपी शलभ माथुर की अगुवाई में पुलिस की चार टीमें गठित कर दी गईं हैं, जो हर एंगल पर छानबीन करेंगी. जाहिर है ऐसे में जांच के दायरे में यूपी बीजेपी अध्यक्ष केशव मौर्य व उनकी पत्नी के साथ डाक्टर बंसल की पार्टनरशिप और पिछले कुछ समय से दोनों के रिश्तों में आई तल्खी भी शामिल होगी.
बंसल के परिवार वालों के बयान का इन्तजार है
पुलिस को फिलहाल डाक्टर बंसल के परिवार वालों के बयान का इन्तजार है. डाक्टर का अंतिम संस्कार आज शाम होना है. इलाहाबाद पुलिस इसके बाद ही डाक्टर बंसल के परिवार वालों का बयान दर्ज करेगी. हालाँकि बंसल के परिवार वालों ने अज्ञात हमलावरों के खिलाफ ही रिपोर्ट दर्ज कराई है.
डाक्टर बंसल ने पिछले साल हुए हमले में जिस बिल्डर के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी, वह बीजेपी के एक पूर्व विधायक के बेहद करीबी माने जाते हैं. बंसल के रिश्तों के तार रसूखदार सियासी लोगों से जुड़े होने की वजह से ही चुनाव आयोग ने इलाहाबाद के इस सनसनीखेज मर्डर केस की रिपोर्ट यहाँ के डीएम से तलब कर ली है. डीएम दफ्तर के सूत्रों के मुताबिक़ डीएम ने एक शुरुआती रिपोर्ट आज चुनाव आयोग को भेज भी दी है।