बालेश्वर। स्वदेश में विकसित सतह से सतह तक मार करने में सक्षम और परमाणु क्षमता से लैस बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ का ओडिशा तट से दूर व्हीलर द्वीप से सोमवार को परीक्षण किया गया। सतह से सतह तक मार करने वाली इस मिसाइल को डीआरडीओ ने विकसित किया है। यह 5 हजार किलोमीटर की दूरी तक मार करने की क्षमता रखती है। इस मिसाइल की रेंज में चीन का उत्तरी हिस्सा भी होगा। यह मिसाइल 17 मीटर लंबी, 2 मीटर चौड़ी है और इसका वजन 50 टन है।

सूत्रों ने बताया कि तीन चरणों वाले ठोस प्रणोदक मिसाइल का परीक्षण एकीकृत परीक्षण क्षेत्र (आईटीआर) के लॉन्च कॉम्प्लेक्स-4 से मोबाइल लॉन्चर से किया जाना है। लंबी दूरी तक मार करने में सक्षम मिसाइल का यह चतुर्थ विकासात्मक और दूसरा कैनिस्टराइज्ड परीक्षण होगा। पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था, जबकि दूसरा परीक्षण 15 सितंबर 2013, तीसरा परीक्षण 31 दिसंबर 2015 को इसे ठिकाने से किया गया था।

स्वदेश में विकसित सतह से सतह तक मार करने में सक्षम अग्नि-5 मिसाइल 5000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक के लक्ष्य को भेदने में सक्षम है। यह 17 मीटर लंबा, दो मीटर चौड़ा है और इसका प्रक्षेपण भार तकरीबन 50 टन है। यह एक टन से अधिक वजन के परमाणु आयुध को ढोने में सक्षम है। अग्नि सीरीज की अन्य मिसाइलों के विपरीत ‘अग्नि-5’ सर्वाधिक आधुनिक मिसाइल है। नैविगेशन और मार्गदर्शन के मामले में इसमें कुछ नयी प्रौद्योगिकियों को शामिल किया गया है।
भारत के पास अभी अग्नि सीरीज की कई मिसाइलें मौजूद हैं। अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 किमी रेंज, अग्नि-2 की 2 हजार किमी रेंज, अग्नि-3 और अग्नि-4 की क्षमता 2500 किमी और 3500 किमी की है।