कोलंबो: इस्लामिक कट्टरपंथ को लेकर लगातार श्रीलंका सरकार सख्ती दिखा रही है। इसी क्रम में उसने जहाँ 1000 से ज्यादा मदरसों को बंद करने का फैसला किया वहीँ बुर्क़े पर भी पाबन्दी लगा दी| श्रीलंका के पब्लिक सिक्योरिटी मंत्री सरत विरासेकेरा ने इसकी जानकारी दी है।

बुर्क़े पर प्रतिबन्ध
उन्होंने बताया कि शुक्रवार (12 मार्च 2021) को उन्होंने कैबिनेट से मँजूरी के लिए इससे संबंधित दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें बुर्का पहनने पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है।

बुर्का मजहबी अतिवाद का प्रतीक
विरासकेरा ने बताया, “हमारे शुरुआती दिनों में मुस्लिम महिलाएँ और लड़कियाँ बुर्का नहीं पहनती थीं। यह मजहबी अतिवाद का प्रतीक है जो हाल में ही सामने आया है। हम इसे निश्चित तौर पर बंद कर देंगे।” उल्लेखनीय है कि बौद्ध बहुल देश में चर्च और होटलों पर 2019 में हुए आतंकी हमलों के बाद बुर्का पहनने पर अस्थायी तौर पर पाबंदी लगा दी गई थी। इन हमलों में 250 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

1000 से ज्यादा मदरसे बंद
विरासेकेरा ने कहा कि सरकार की योजना 1000 से ज्यादा ऐसे मदरसों को बंद करने की भी है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति की धज्जियाँ उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, “कोई भी स्कूल खोल कर बच्चों को वह नहीं पढ़ा सकता जो वह पढ़ाना चाहता है।”

मुस्लिम शवों को जलाने के दिए थे आदेश
इससे पहले पिछले साल कोविड संकट के दौरान श्रीलंकाई सरकार ने संक्रमण से मौत होने पर मुस्लिमों की इच्छा के विपरीत उन्हें दफनाने की बजाए उन्हें जलाने के आदेश दिए थे। अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय अधिकार समूहों की आलोचना के बाद इस साल इस आदेश को हटा लिया गया था।