मोहम्मद आरिफ नगरामी इन्सान अपनी जिन्दगी की रेनाईयों इसकी दिल फरीबों और उसकी शादाबियों दो आजेदों में यह भूल जाता है कि यह नेमतों कुदरत की अता करदा और उसकी फियाजियों की