तौक़ीर सिद्दीक़ी देश की मीडिया की हालत कहाँ से कहाँ पहुँच चुकी है. इस ज़हरीली मीडिया का ज़हर अब इंसानो से होता हुआ मुर्दों तक पहुँच चूका है, घरों से होता हुआ