डॉ0 मुहम्मद नजीब क़ासमी संभली इंसान गुनाह कर सकता है, मगर बेहतरीन इंसान वह है जो गुनाह करने के बाद अल्लाह तआला से सच्ची तौबा करले। सच्ची तौबा के लिए गुनाह पर