बज़्मे-एवाने- ग़ज़ल के तत्वावधान में भव्य मासिक मुशायरा आयोजित ब्यूरो फहीम सिद्दीकी सआदतगंज, बाराबंकी। मौज़ून कलाम यानी वज़्न पर कलाम कहना शेर कहलाता है, शेर इज़हार के ज़राएअ में एक बहुत मुअस्सिर