फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। असहाय की सहायता निर्बल की मदद हर एक का फर्ज होता है। जो फर्ज पूरा करते हैं वे अपने किरदार से बड़े बन जाते हैं। सिर्फ अपने लिए जिंदा