नवेद शिकोह सियासत किसी की नहीं होती, सबसे क़ीमती ज़िन्दगी की भी नहीं। सियासत का नशा बुद्धीजीवियों की भी बुद्धि भ्रष्ट कर देता है। हुकुमते हों या बड़े-बड़े राजनीतिक दल, बड़े-बड़े राजनेता