हमीरपुरकभी झाड़ू पकड़ने में भी असहाय महसूस करने वाली इशरत अब रसोई में झटपट काम निपटा लेती हैं। लेकिन अब से कुछ साल पीछे जाएं तो इशरत मुश्किलों में जूझ रही थी।