हृदयनारायण दीक्षित हम भारतीय सनातनकाल से प्रकाशप्रिय हैं। भारत का भा प्रकाशवाची है और ‘रत‘ का अर्थ संलग्नता है। भारत अर्थात प्रकाशरत राष्ट्रीयता। हम सब के चित्त में प्रकाश की अतृप्त अभिलाषा