नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने घोटाले से घिरे डीएचएफएल के प्रवर्तक कपिल वाधवान से 600 करोड़ रूपये का कथित रिश्वत लेने के सिलसिले में बृहस्पतिवार को यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर, उनकी पत्नी बिंदु और बेटी रोशनी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया।

मुम्बई में विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल आरोपपत्र में दिवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल), वाधवान, उनके भाई राजेश, बीलिफ रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड , आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, डीओआईटी अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के भी नाम हैं और उन पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराएं लगायी गयी हैं। इसके अलावा यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के सह-संस्थापक कपिल और धीरज वधावन के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सात मार्च को कपूर समेत 12 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उसने नौ मार्च को तलाशी ली थी और राणा कपूर एवं वाधवान को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने अपनी प्राथमिकी में आरोप लगाया था कि पैसों की हेराफेरी के लिए कपूर (62) ने वाधवान के साथ मिलकर साजिश रची और यस बैंक से डीएचएफएल को दिया गया ऋण कपूर की बेटी की कंपनी डीओआईटी में पहुंच गया। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि अप्रैल-जून 2018 के दौरान यस बैंक ने डीएचएफएल के अल्पकालिक डिबेंचर में 3700 करोड़ रूपये लगाये।

अधिकारियों के अनुसार बैंक ने डीएचएफएल ग्रुप की कंपनी आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड को 750 करोड़ रूपये का ऋण मंजूर किया और उसके निदेशक धीरज वाधवान थे। यह राशि किसी परियोजना के लिए मंजूर की गयी थी लेकिन आरकेडब्ल्यू डेवलपर्स ने यह राशि बिना किसी परियोजना में लगाये उसे डीएचएफएल को दे दिया|

सीबीआई के अनुसार यस बैंकों से मिले ऋण के बदले में वाधवान ने डोल्ट अर्बन वेंचर्स (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड में कथित रूप से 600 करोड़ रूपये लगाये जो इन ऋणों के एवज में कपूर को दी गयी कथित रिश्वत थी। डीएचएफएल पर उसे मिले कुल 97,000 करोड़ रूपये के बैंक ऋण में से 31000क रोड़ रूपये का खोखा कंपनियों के माध्यम से हेराफेरी करने का आरोप है।