पत्रकारों ने चढ़ाई दादा मियां के मजार पर चादर

लखनऊ:  हजरत ख्वाजा मोहम्मद नबी रज़ा शाह अलमारूफ दादा मियाँ के 107 वें उर्स के तीसरे दिन दरगाह शरीफ दारूल ऊलूम शाहे रज़ा के तलवा  (विद्यार्थीयों)और दारूल उलूम वारिसया के तलवा के साथ आये हुये कारी मोहम्मद अब्दाल साहब ने दादा मियाँ की दरगाह पर र्कुआन ख्वानी कराई।जिसमें हाफिज नौशाद साहब ,कारी महमूद साहब ,हाफिज अब्दुल हन्नान फसाहती, कारी अहमद फसाहती, कारी मोहम्मद जरीफ आदि लोग मौजूद थे।

आज शाम उ0प्र0 जिला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन ने आज दादा मियाँ की दरगाह पर अकीदत की चादर चढ़ाकर साम्प्रदायिक सौहार्द व खुशहाली की दुआ माँगी। इस अवसर पर काफी बड़ी तादात में समाजसेवियों पत्रकारो ,शिक्षाविदों व विभिन्न धर्म -सम्प्रदाय के लोगों ने एक साथ उपस्थित होकर साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल प्रस्तुत की ,एंव हिन्दू-मुस्लिम भाईचारा ,साम्प्रदायकि सौहार्द ,देश की अमन शान्ति ,खुशहाली व पत्रकार हितों के लिए दुआ की  ।इस विशिष्ट अवसर पर उ0प्र0 जिला मान्यता प्राप्त  पत्रकार एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल वहीद चेयरमैन अजीज सिददीकी,वाइस चेयरमैन एम एम मोहसिन एंव तौसीफ हुसैन आदि लोग उपस्थित थे।   

उर्स में मेहमानों के आने का सिलसिला जारी है, उर्स में देश के लगभग सभी राज्यों से दादा मियाँके चाहने वाले अकीदत मन्दान तशरीफ ला चुके हैं जिसमें बनारस, बरेली, भिवन्डी,बम्बई,फरीदपुर,बहराईच अािद स्थानोंके अलावा कलकत्ता राजस्थान ,पंजाब, उत्तराखण्ड,के भी  जायेरीन हजरात व सूफिया इकराम तशरीफ ला चुके हैं, 

आज उर्स के तीसरे दिन आम चादर पोशी का सिलसिला जारी रहा जिसमें खुल्फा हजरात ने अपने मुरीदों के साथ कव्वाली कराते हुये दादा मियाँ की बारगाह में चादर पेश करके अपनी खिराजे अकीदत पेश कीं मेला परिसर में भी खुल्फा हजरात ने अपने अपने ख्ेामों में कव्वाली कराकर दादा मियाँ को नजराना ए अकीदत पेश किया। 

आज रात रात नौ बजे हल्काए जिक्र्र की महफिल व फातिहा ख्वानी हुई ,उसके बाद महफिले समा का आयोजन हुआ जो पूरी रात चलता रहा, महफिले समा में कव्वाल अली बारिस सलीम शमीम मुरादाबादी, अरशद काकोरवी,  गुफरान खैराबादी,दानिश मोनिश आदि कव्वाल हजरात नें दादा मियाँ की शान में अपने अपने कलाम पेश किये जिसे सुनकर दादा मियाँ के चाहने वाले झूम उठे।  

कल होने वाले प्रोग्राम इस तरह से है-

ं सुबह बाद नमाज़े फज्र र्कुआन ख्वानी।

दिन में 10:30 बजे कुल शरीफ रंगे महफिल तकसीमें लंगर।

रात्रि 8:00 बजे हल्काए जिक्र्र उसके बाद महफिले समा जिसका सिलसिला रात भर चलता रहेगा।