भारतीय मुसलमानों का आतंकवाद के विरुद्ध कार्यक्रम 24 फरवरी को रामलीला मैदान मे

कार्यालय संवाददाता

नई दिल्ली: भारत के सुन्नी सूफ़ी मुसलमानों की प्रतिनिधि सभा ऑल इंडिया तंज़ीम उलामा ए इस्लाम इस इतवार यानी 24 फ़रवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक दिवसीय अंतर-राष्ट्रीय सम्मेलन में आतंकवाद के विरुद्ध रणनीति बनाने को लेकर समाज के प्रतिष्ठित उलामा और जनता की राय से जनमत बनाने का प्रयास करेगी। यह बात आज तंजीम के प्रवक्ता शुजात अली क़ादरी ने दी।

क़ादरी ने बताया कि इस महत्वपूर्ण एक दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में उलेमाए किराम आतंकवाद के खिलाफ फतवा देंगे और भारत सरकार के नाम एक विस्तृत ज्ञापन में कई राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय मुद्दों पर समाज की राय को रखा जाएगा। कादरी ने बताया कि सम्मेलन मे एक प्रस्ताव पास किया जाएगा जिसमे कहा जाएगा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को भी भारत को सौंपा जाए।

तंज़ीम के प्रवक्ता शुजात अली क़ादरी ने बताया कि ऑल इंडिया तंज़ीम उलामा ए इस्लाम जिस कार्यक्रम का आयोजन कर रही है इसमें देश में वकट्टर विचारधारा के प्रसार और आतंकवाद के विरुद्ध मनोदशा बनाने की रूपरेखा बनाने पर विचार विमर्श होगा। सभा के बाद भारत सरकार के नाम विस्तृत ज्ञापन भी दिया जाएगा जिसमें कई मुद्दों पर प्रकाश डाला जाएगा। तंज़ीम के पूरे भारत में दस लाख से अधिक लोग सदस्य हैं और वह भारत के सुन्नी सूफ़ी विचारधारा यानी ‘सुन्नत व जमात’ की प्रतिनिधि सभा है जिसमें देश भर के दरगाहों, ख़ानक़ाहों और सूफ़ी मस्जिदों के इमाम समाज के हितार्थ अपनी राय को प्रकट करते हैं। समाज के सम्मुख आ रही समस्याओं जैसे आतंकवाद, कट्टरता, सामुदायिक और साम्प्रदायिक हिंसा और इससे निपटने के मुद्दे पर समाज के अंदर काफ़ी गहमागहमी है। इसी क्रम में ऑल इंडिया तंज़ीम उलामा ए इस्लाम इस सोमवार यानी 24 फ़रवरी को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक दिवसीय विशाल अंतर- राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रही जिसमे में क़रीब एक लाख सूफ़ी विचारकों और अवाम के शरीक़ होने की ख़बर है।

उलामा से मुख्य अतिथि मारेहरा शरीफ दरगाह के सज्जादानशीन प्रोफेसर सय्यद अमीन मिया क़ादरी बरकाती होंगे जबकि ऑल इंडिया तंजीम उलेमा इस्लाम के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुफ़्ती अशफाक़ हुसैन कादरी सम्मेलन में बताएंगे कि भारत को वैश्विक आतंकवाद से बचाने के लिए किन मुद्दों पर सक्रीय रूप से कार्य करना होगा,

मुस्लिम स्टूडेंट्स ओर्गनीसटीओन ऑफ इंडिया के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सय्यद मुहम्मद कादरी बताएँगे कि किस प्रकार से भारत के युवाओ को कट्टरता की तरफ जाने से रोका जा सकता है, भारत के स्कूल एवं मान्य विश्वविद्यालयों के इस्लामी पाठ्यक्रम मे सूफी उदरवादी पाठ्यक्रम को शामिल किया जाना चाहिए।

तंजीम के दिल्ली प्रदेश सचिव और संयोजक मौलाना सगीर अहमद रजवी ने बताया कि कार्यक्रम में अजमेर दरगाह के अंजुमन कमेटी के सचिव सय्यद वाहिद चिश्ती मियाँ, दरगाह आलाहजरत बरेली से मन्नान रज़ा ख़ाँ, सुहैल मियाँ, केरल से खालील भूकारी, शेख अबूबकर, फ़ुर्क़ान अली, मुईनुद्दीन अशरफ़, फ़तेहपुरी, मुहम्मद हनीफ़ रज़वी, मौलाना ग़ुलाम रसूल बल्यावी, अकबर अली फ़ारूक़ी, तततीर अहमद और मुफ़्ती अब्दुल सत्तर समेत सूफ़ी उलेमा शरीक़ होंगे। कार्यक्रम की सभी तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं।