वित्तीय सेवाओं से जुडे प्रमुख समूह कार्वी की वैल्थ मैनेजमेंट इकाई कार्वी प्राइवेट लिमिटेड ने आज अपनी इंडिया वैल्थ रिपोर्ट-2017 का आठवां संस्करण जारी किया। इस रिपोर्ट में भारत में लोगों की वैल्थ का ब्यौरा दिया गया है और साथ ही भविष्य के निवेश पैटर्नों की चर्चा भी की गई है। व्यापक शोध के आधार पर तैयार यह रिपोर्ट भविष्य में वैल्थ संबंधी प्रवृत्तियों की भविष्यवाणी के लिए भारत में व्यक्तिगत निवेशकों के बीच महत्वपूर्ण समझी जाती है।

2016 में विश्व में निजी वित्तीय संपत्ति में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 63.5 ट्रिलियन डाॅलर पर पहुंच गई, जबकि 2015 में वृद्धि दर 4 प्रतिशत ही थी। आर्थिक गिरावट के करीब एक दशक के बाद, वैश्विक अर्थव्यवस्था अब रिकवरी मोड पर है। जबकि अमेरिका ने जुलाई-सितंबर की अवधि में 3 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर दर्ज की थी, 2017 में चीन में 6.8 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है। ऐसे आशावाद के बीच, भारतीय अर्थव्यवस्था भी विभिन्न संरचनात्मक सुधारों के कारण अस्थायी ब्लिप के बाद एक बदलाव का संकेत दे रही है।

विमुद्रीकरण, जीएसटी, रेरा, इनसाॅल्वेंसी और दिवालियापन संहिता जैसे विभिन्न सुधारों के बाद भारत में व्यापार करने के तरीके बदल गए हैं। इसने औपचारिक अर्थव्यवस्था के तहत आने वाले और अधिक अनौपचारिक क्षेत्रों को आगे बढ़ने के साथ-साथ भौतिक संपत्तियों पर वित्तीय परिसंपत्तियों को प्राथमिकता दी है। आगे बढ़कर हम उम्मीद करते हैं कि डायरेक्ट इक्विटी, म्यूचुअल फंड, फिक्स्ड डिपॉजिट्स, इंश्योरेंस और पेंशन फंड्स के एक बड़े हिस्से के लिए यह रुझान अगले पांच वर्षों में जारी रहेगा। दूसरी ओर, भौतिक संपत्ति आधार के संकुचन के बावजूद, अचल संपत्ति के आने वाले वर्षों में भारतीयों के लिए सबसे पसंदीदा फिजिकल निवेश विकल्प बनने की संभावना है।