दिल्ली:
कर्नाटक में शर्मनाक हार के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बीजेपी को ‘आत्मचिंतन’ करने की सलाह दी है. संघ ने अपने मुख्य पत्र ऑर्गनाइजर में कहा है कि हर जगह जीत के लिए सिर्फ पीएम नरेंद्र मोदी और हिंदुत्व ही काफी नहीं है. एसएसएस ने बीजेपी के मिशन 2024 को देखते हुए यह सलाह दी है. आरएसएस ने इस दौरान पार्टी को साफ कर दिया है कि मजबूत जनाधार और क्षेत्रीय नेतृत्व के बिना चुनाव जीतना आसान नहीं है.

दरअसल, कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने स्टार प्रचारकों खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हिंदुत्व पर जोर दिया था. कर्नाटक चुनाव में कई ऐसे मुद्दे उठाए गए जो सीधे तौर पर हिंदुत्व से जुड़े थे। बीजेपी इन्हीं मुद्दों के दम पर एकतरफा जीत दर्ज करने की कोशिश कर रही थी. हालांकि, जनता ने पार्टी को उल्टा कर दिया और कांग्रेस को जीत का ताज पहनाया। कांग्रेस के लिए नहीं बल्कि बीजेपी के लिए यह निश्चित रूप से एक बड़ा झटका था।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने अपने लेख में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करिश्मे और हिंदुत्व के विचार सभी जगहों पर चुनाव जीतने के लिए काफी नहीं हैं. इस लेख में लिखा गया है कि भाजपा के लिए विचारधारा और केंद्रीय नेतृत्व हमेशा सकारात्मक पहलू हो सकते हैं, लेकिन जनता के मन को भी पार्टी को समझना होगा. संघ ने लिखा कि बीजेपी ने कर्नाटक चुनाव में केंद्र के मुद्दों को लाने की कोशिश की. लेकिन, कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों को नहीं छोड़ा और यही उनकी जीत का कारण रहा है।

संघ ने बीजेपी की उस रणनीति पर भी सवाल उठाए हैं जिसमें पार्टी ने जातिगत मुद्दों के जरिए वोट जुटाने की कोशिश की. संघ ने कहा है कि पार्टी ने यह प्रयास ऐसे राज्य में किया है जो टेक्नोलॉजी का हब है. इस पर संघ ने चिंता जताई है। आपको बता दें कि केंद्र में जब से पीएम मोदी सरकार आई है, यानी 2014 के बाद पहली बार बीजेपी किसी भी राज्य के चुनाव में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अपना बचाव करती नजर आई है. इतना ही नहीं, ऐसा भी पहली बार हुआ है जब संघ ने चुनाव को लेकर बीजेपी को नसीहत दी है. दरअसल ये बातें संघ के मुख्य पत्र के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने 23 मई के संपादकीय में लिखी हैं.